अरी एस्टर की हॉलीवुड फिल्म ‘ब्यू इज़ अफ्रेड’ को लेकर हर कोई बात कर रहा है। हॉलीवुड तो दूर की बात है, इंडिया में भी फिल्म को लेकर गर्मागरमी है। फिल्म हॉरर नहीं है लेकिन फिर भी इसे देखकर दिल और दिमाग दिल सकता है। डिप्रेशन पर बनी ये फिल्म आखिर कैसी है। ब्यू इज अफ्रेडहाइलाइट्सइंसानी दिमाग पर बनी ‘ब्यू इज़ अफ्रेड’ देखने से पहले डॉक्टर की लेनी होगी सलाह, अंदर तक हिल सकते हैं आपडायरेक्टर के पिछले हॉरर ड्रामा ‘हेरेडिटरी’ और ‘मिडसमर’ हैं, लेकिन ‘ब्यू इज़ अफ्रेड’ इस साल की सबसे विचित्र फिल्मों में से एक हैचाहे कैरेक्टर का दर्द वास्तविक हो या काल्पनिक, एक एक बुरा सपना है, जिसे आप डिकोड करने की कोशिश करते हैंअरी एस्टर की हॉलीवुड फिल्म ‘ब्यू इज़ अफ्रेड’ साल 2023 की एक ऐसी फिल्म है, जिसे लेकर खूब चर्चा है। फिल्म ना तो हॉरर है और ना ही किसी सच्ची घटना पर आधारित लेकिन फिर भी इसे लेकर चर्चा जोरों पर है। फिल्म एक डिप्रेसिव माहौल में बनाई गई है और एंग्जायटी से जूझ रहे लोगों पर फिल्माया गया है। इसकी थीम कुछ ऐसी है कि पहले तो इसे देखने में आप कतराएंगे लेकिन पूरी फिल्म देखकर वापस आ गए तो आप वीर भी कहलाएंगे। जी हां कुछ ऐसी ही है ‘ब्यू इज़ अफ्रेड।’यह कहना गलत नहीं है कि फिल्म Beau Is Afraid शानदार है। कई मायनों में देखा जाए तो इसे बिना किसी से पूछे देखने की जुर्रत ना ही करें तो बेहतर है। दिमाग उड़ाने वाले सीन्स, डायलॉग, ब्लैक कॉमेडी, जिसमें कोई कहानी नहीं है लेकिन फिर भी ठीक है। डायरेक्टर के पिछले हॉरर ड्रामा ‘हेरेडिटरी’ और ‘मिडसमर’ अजीब हो सकते हैं, लेकिन ‘ब्यू इज़ अफ्रेड’ इस साल की सबसे विचित्र फिल्मों में से एक है।ब्यू इज अफ्रेडडिप्रेशन की अजीबो-गरीब दुनियाडिप्रेशन की गोलियां खाना, दुनिया से डरा हुआ ब्यू (जोकिन फीनिक्स) एक अकेला आदमी अपनी मां से दूर रहता है। अपनी मां से मिलने के रास्ते में वह खुद को अजीबोगरीब घटनाओं में फंसा हुआ पाता है। वास्तविकता में कल्पना और सपनों को बताने में असमर्थ ब्यू भयानक, संदिग्ध और रहस्यमय उद्देश्यों के साथ अजीब बीमारी से जूझ रहा है। ये फिल्म आपको सवालों में जकड़ लेगी और कई अनकहे सवाल भी छोड़ जाएगी। फिल्म को पर्दे पर देखकर आप शायद कांप जाएंगे। इसके सीन्स ऐसे बनाए गए हैं कि हर कोई इसे नहीं देख सकता।ब्यू इज अफ्रेडVin Diesel-Deepika Padukone: विन डिजल को आई दीपिका पादुकोण और इंडिया की याद, XXX में दोनों के अफेयर के थे चर्चेफिल्म देखने के लिए डॉक्टर की सलाह3 घंटे में फिल्म आपको पकड़े रख सकती है क्योंकि इसका ट्रैक अलग है। चाहे कैरेक्टर का दर्द वास्तविक हो या काल्पनिक, एक एक बुरा सपना है, जिसे आप डिकोड करने की कोशिश करते हैं। अरी एस्टर ने अपनी नई फिल्म में पागलपन को बढ़ाया है, लेकिन यह आपको थोड़ी लंबी लग सकती है। बता दें कि इस फिल्म के लिए एक और बात कही गई है कि इसे देखने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि हो सकता है कि आप थिएटर में तो नॉर्मल जाएं लेकिन नॉर्मल होकर आ नहीं पाएंगे।Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करेंGet Hollywood news and gossips, celebrity news, movie review in hindi, photos and videos of Hollywood events. Stay updated with us for all breaking news from entertainment and more news in hindi.