एक्टर नमित दास ने कहा- अब कहानी जरूरी हो गई है, OTT ने सपोर्टिंग रोल की परिभाषा बदल दी है

संगीत घराने से ताल्लुक रखने वाले, टीवी से लेकर फिल्मों और ओटीटी की दुनिया में अपनी दमदार एक्टिंग का जलवा बिखेरने वाले एक्टर नमित दास। ये किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर इन्होंने सफलता का मुकाम हासिल किया है। नमित बीते दिनों लखनऊ आए। इस दौरान उन्होंने अपनी वेब सीरीज ‘चूना’ से लेकर करियर और म्यूजिक के एक्सपीरियंस को हमसे साझा किया।शौक में किया था थिएटरमैं संगीत घराने से ताल्लुक रखता हूं लेकिन एक्टिंग में कैसे आ गया, इसका जवाब मेरे पास नहीं है। मुझे याद है जब मैं सेंट जेवियर कॉलेज में पढ़ता था, तबसे थिएटर कर रहा हूं। उस वक्त थिएटर करना कूल लगता था। वह दौर अलग था। उस दौर में हर लड़का गिटार बजाकर लड़कियों को रिझाना चाहता था तो मैंने भी थिएटर करना शुरू कर दिया, ताकि लड़कियों को इंप्रेस कर सकूं। बस उसके बाद पता ही नहीं चला कि कब थिएटर से निकलकर विज्ञापन और फिर टीवी, फिल्मों से होते हुए ओटीटी तक पहुंच गया। आज मैं जहां हूं, वहां खुद को संतुष्ट पाता हूं।New Web Series Choona: सबको ‘चूना’ लगाएंगे जिमी शेरगिल, 3 अगस्त को इस OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी वेब सीरीजपापा कहते हैं कि म्यूजिक में वक्त निकल जाता हैयह सही है कि मैं एक्टिंग के साथ म्यूजिक फील्ड में भी सक्रिय हूं। मेरा अपना खुद का बैंड है और मैंने ‘अ सूटेबल बॉय’ में एक्टिंग के साथ बतौर म्यूजिक कंपोजर काम किया है। लोग पूछते हैं कि एक साथ दोनों फील्ड में काम कैसे कर लेते हो तो मैं कहता हूं कि एक्टिंग में काफी रिजेक्शन झेलना पड़ता है। मैंने भी काफी रिजेक्शन झेला है। उसके बाद जो वक्त मिलता है, उसमें मैं अपने संगीत पर काम करता हूं। मेरे पिताजी हमेशा कहते हैं कि संगीत में वक्त निकल जाता है। वैसे भी, आज के समय में मल्टी टैलेंटेड होना गुनाह नहीं बल्कि आपके लिए अच्छा है। अब जब भी वक्त मिलता है तो रियाज करता हूं, संगीत पर काम करता हूं और साथ ही साथ लिखता भी हूं।अब कहानी महत्वपूर्ण हो गई हैलीड या सपोर्टिंग एक्टर की बातें कुछ साल पहले तक होती थीं लेकिन आज किरदार का क्लासिफिकेशन ना के बराबर हो गया है। इसकी मुख्य वजह ओटीटी प्लेटफॉर्म है। जब से ओटीटी आया है, तब से लीड और सपोर्टिंग एक्टर के बीच का अंतर खत्म हो गया है। अब कहानी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ओटीटी पर इतना समय होता है कि एक ही किरदार के इर्द-गिर्द पूरे समय तक एक विषय को नहीं रख सकते हैं। कहानी को बढ़ाने के लिए आपको बहुत से किरदारों की आवश्यकता होती है। ऐसे में उन किरदारों को समय ज्यादा मिलने की वजह से स्पेस भी खूब मिलता है। आपने देखा होगा कि कई बार लीड से ज्यादा सपोर्टिंग एक्टर फुटेज और तारीफ हासिल कर लेता है। यह एक्टर के ऊपर है कि वह अपने किरदार के साथ कैसे पेश आता है। जहां तक मेरा सवाल है तो मैंने किरदारों की लेंथ देखकर कभी रोल नहीं चुना। कहानी को जो रोल प्रभावित करते हैं, जिन किरदारों को दर्शक याद रखें, भले वो सपोर्टिंग और छोटे किरदार हों, मैं वैसे ही रोल करना पसंद करता हूं।लगातार 40 दिन गया हज़रत निज़ामुद्दीन की दरगाहमैं दिल्ली में पैदा हुआ लेकिन रहा मुंबई में हूं। दिल्ली जब भी आता हूं तो हज़रत निजामुद्दीन की दरगाह पर हाजिरी जरूर लगाता हूं। एक बार ‘मानसून वेडिंग’ की रिहर्सल के लिए दो महीने तक दिल्ली में रुका, तब मैं लगातार 40 दिन तक रोज दरगाह गया। हर रोज दरगाह जाता और वहां पर कव्वाली सुनता था। वहां मुझे अलग तरह का सुकून मिलता है। 40 दिन तक लगातार जाने के पीछे एक वैज्ञानिक तर्क है। कहा जाता है कि अगर आप किसी भी चीज को अपने अंदर आत्मसात करना चाहते हैं तो उसको 40 दिन तक लगातार करना चाहिए। इससे वह चीज आपके अंदर समा जाएगी।अब तक का सबसे अलग किरदार हैवेब सीरीज ‘चूना’ में मेरे किरदार का नाम त्रिलोकी है। त्रिलोकी एक बहुरूपिया, झूठा, मतलबी, चालाक इंसान है। वो कब कौन सा रूप धारण कर ले पहचानना मुश्किल है। अब तक मैंने जितने भी किरदार निभाए हैं, उनमें से यह सबसे अलग है। ऐसा किरदार आज तक मैंने पहले नहीं किया है। मैं ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में भी हूं। इसमें मेरा गेस्ट अपीयरेंस है। इसके अलावा, इंडो फ्रेंच फिल्म मिनिमम है। इसका निर्देशन रूमाना मोल्ला कर रही हैं और मेरे अपोजिट सबा आजाद हैं।शूटिंग करने जा रहा हूं, शॉपिंग करने नहींमैं कई साल से लखनऊ आ रहा हूं। यहां थिएटर किया और साथ ही अपने बैंड के साथ परफॉर्मेंस भी दी। मुझे याद है 2009 में मैं यहां पर परफॉर्म करने आया था। उसके बाद से आता रहा हूं। खास बात है कि लखनऊवालों को म्यूजिक की बहुत अच्छी समझ है। वो सिर्फ धुन ही नहीं, अल्फाजों को भी गौर से सुनते हैं। अभी जब मैं यहां शूटिंग कर रहा था तो ऐसा लगा ही नहीं कि मैं कहीं बाहर हूं। यहां घूमना और शॉपिंग करना बहुत अच्छा लगता है। मैं जब यहां शूटिंग करने आ रहा था तो पत्नी को पहले ही कह दिया था, ‘शूटिंग करने जा रहा हूं, शॉपिंग करने नहीं।’ इसके अलावा, यहां से मैं इत्र बहुत खरीदकर ले गया हूं। इसमें सफेद ऊद और जैस्मिन फ्लेवर मेरे खास हैं।