सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 संशोधित विधेयक पारित होने के बाद से एक बार फिर पायरेसी की चर्चा तेज हो गई है। पायरेसी के मामले में इंडिया तीसरे नंबर पर आता है, जहां फिल्म इंडस्ट्री को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। आइए बताते हैं पायरेसी क्या होती है और कैसे की जाती है व इसके हर एक पहलू।