फैमिली ड्रामा फिल्में हमेशा से बॉलीवुड की जान रहे हैं। हर दशक में में ऐसी फैमिली ओरिएंटेड फिल्में, चाहे वो ‘वक्त’ हो या फिर ‘हम आपके हैं कौन’ या हो ‘कभी खुशी कभी गम’ या फिर ‘बागवान’, ने दर्शकों का दिल जीता है। पिछले कुछ अरसे से एक बार फिर दर्शक पारिवारिक फिल्मों की ओर आकर्षित हुआ है, मगर इस बार इन फैमिली ड्रामा फिल्मों में, जो नई चीज देखने मिल रही है, वो है युवा सितारों का शादीशुदा भूमिकाओं में नजर आना।पहले यंग एक्टर्स फैमिली ड्रामा फिल्मों में कॉलेज गोइंग या नौजवान किरदारों में नजर आते थे। उनकी लव स्टोरी कहानी का केंद्र बिंदु हुआ करता था, मगर अब इन कलाकारों को शादीशुदा भूमिकाएं करने से कोई भी गुरेज नहीं। ऑडियंस भी इन्हें शादी के ताने-बानों में उलझी भूमिकाओं में खूब पसंद कर रही हैं। हाल ही में रिलीज हुई ‘सत्यप्रेम की कथा’, ‘जरा हट के जरा बच के’, ‘बवाल’ हो या उससे पहले आईं ‘लुकाछिपी’, ‘बधाई हो’, ‘जुग जुग जियो’, ‘बधाई दो’, ‘जर्सी’ जैसी फिल्में, यंग हीरो-हीरोइन पति-पत्नी बने पारिवारिक समस्याओं में उलझे नजर आए।शादीशुदा किरदारों में खूब जंचे सारा-विकी, कार्तिक-कियारा, जाह्नवी-वरुण’जरा हटके जरा बचके’ में विक्की और साराएक जमाना था, जब ज्यादातर फिल्मों की हैपी एंडिंग हीरो-हीरोइन की शादी हुआ करती थी, मगर आज की कई फिल्मों में देखा जा रहा है कि कहानी की शुरुआत नायक-नायिका की शादी से होती है। हाल ही में बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली सारा अली खान और विक्की कौशल की ‘जरा हटके जरा बचके’ को ऑडियंस ने खूब पसंद किया। इसमें इंदौर के बैकड्रॉप पर बनी गई पारिवारिक कहानी में घर का सपना संजोने वाले दंपति के रूप में सारा अली खान और विक्की कौशल जैसी यंग जोड़ी के साथ दर्शक खूब जुड़े। सारा अली खान का छोटे शहर का साड़ी-चूड़ीवाला मैरिड लुक मिडल क्लास शादीशुदा लड़कियों के लिए फैशन ट्रेंड बन गया। वहीं गुजराती पृष्ठभूमि के इर्दगिर्द बुनी गई ‘सत्यप्रेम की कथा’ में मुद्दे के साथ मनोरंजन वाली फैमिली फिल्म को दर्शकों का अच्छा-खासा प्यार मिला। इसने भी वर्ल्ड वाइड 125 करोड़ कमा ही लिए। ओटीटी पर आई जाह्नवी कपूर-वरुण धवन की ‘बवाल’ भी शादीशुदा जोड़े की कहानी है, जिसे दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला।आ रही हैं 'द केरल स्टोरी' और 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी कई और फिल्में, 'अजमेर 92' और '72 हूरें' पर शुरू हो चुका बवालअगर रोल सही नहीं चुना, तो ट्रोल हो जाएंगे’धड़क’ मूवी में जान्हवी कपूर और ईशान खट्टरजाने-माने ट्रेड एनालिस्ट तरन आदर्श कहते हैं, ‘वाकई आज के यंग स्टार्स मैरिड रोल्स में दिख रहे हैं। हालांकि ऐसा पहले भी होता था, मगर हमने अपने सुपरस्टार्स को कई बार 40 पार करने के बावजूद कॉलेज स्टूडेंट्स के रूप में देखा है। आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे भी इतने उम्रदराज एक्टर्स को ऐसी नौजवानी वाली भूमिकाओं में देखना अजीब लगता है, मगर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उन तमाम बड़े स्टार्स की सेलेबिलिटी इतनी जबरदस्त होती थी कि उनका लॉयल फैन बेस उन्हें किसी भी रूप में स्वीकार कर लेता था और तब फिल्मकार के पास उन्हें लेने के अलावा और कोई चॉइस नहीं होती थी। मगर आज बदलते वक्त के कारण दर्शक बहुत तेज हो गया है। आज अगर स्टार्स अपने रोल में जरा भी मिसफिट हुआ, तो दर्शक उसे नकार देगा। कलाकार जानता है कि ऐसे में उसे ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ेगा, इसलिए वो अपनी भूमिकाओं को चुनने के मामले में काफी सतर्क हो गया है। आज का दर्शक कलाकरों की रियल एज और रियल परफॉर्मेंस चाहता है। आप ही देखिए जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म ‘धड़क’ में वे शादीशुदा और एक बच्चे की मां के रूप में दिखी थीं और पसंद भी की गईं।’Interview: उत्कर्ष शर्मा ने कहा- 'गदर की सक्सेस भुनाने के लिए नहीं बनाया सीक्वल, ऐसा होता तो कबका बन जाती फिल्म'लव स्टोरीज से दर्शक उकता गए हैंमशहूर फिल्म विश्लेषज्ञ कोमल नाहटा के अनुसार, ‘फिल्मों में इस तरह के ट्रेंड्स आते और जाते रहे हैं। पहले भी ऐसी फिल्में बनती थीं, आज से तकरीबन 8 साल पहले आई ‘दम लगा के हईशा’ भी ऐसी ही फिल्म थी। मगर ये सच है कि बॉलीवुड में लव स्टोरीज को हमेशा प्राथमिकता दी जाती रही। स्थापित अदाकारों के साथ अब तक हर तरह की प्रेम कहानियों को बनाया जा चुका है। प्यार-मोहब्बत वाली कहानियों का इतना ज्यादा दोहन हो चुका है कि एक तो उसमें अब कुछ बचा नहीं और दर्शक भी बोर हो चुके हैं। हां, अगर कोई नया चेहरा लॉन्च हो रहा है, तो उसके लिए एक लव स्टोरी परफेक्ट रहती है। जैसे राजश्री आम तौर पर अपनी प्रेम कहानियों में न्यू कमर्स को लॉन्च करते आए हैं। जैसा वे अपने आने वाली फिल्म दोनों में कर रहे हैं। इस फिल्म में सनी देओल के बेटे राजवीर देओल और पूनम ढिल्लन की बेटी पलोमा ढिल्लन को लॉन्च करने जा रहे हैं। नवोदित कलाकारों के साथ लव स्टोरी का चार्म फिर भी रहता है, मगर जाने-माने कलाकारों को लोग रोमांस करते हुए पर्दे पर कई बार देख चुके होते हो। यही वजह है कि अब मैरिटल डिस्कोर्ड यानी शादीशुदा जिंदगी की उलझनों, झगड़ों और गलतफहमियों को लेकर फिल्में बन रही हैं और दर्शक उसके साथ खुद को आइडेंटिफाई भी कर रहा है।’