‘इकबाल’ से स्टारडम बटोरने वाले एक्टर श्रेयस तलपड़े ने मराठी सिनेमा से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। श्रेयस तलपड़े ने कई टीवी शोज में भी काम किया। 90 के दशक से काम कर रहे श्रेयस तलपड़े को स्टारडम 2005 में आई डेब्यू फिल्म ‘इकबाल’ से मिला था। इसके बाद श्रेयस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और खूब काम किया। मराठी सिनेमा के वह स्टार बन चुके हैं। फिल्म ‘पुष्पा’ ने श्रेयस तलपड़े के स्टारडम को और दोगुना बढ़ा दिया। इस वक्त वह अपनी नई फिल्म ‘अजाग्रता’ को लेकर चर्चा में हैं, जोकि उनकी पहली पैन इंडिया फिल्म है।Shreyas Talpade ने नवभारत टाइम्स संग बातचीत में अपनी इस नई फिल्म के अलावा ‘पुष्पा’ के बाद करियर में आए टर्निंग पॉइंट और अन्य चीजों के बारे में बात की।अपनी नई फिल्म ‘अजाग्रता’ के बारे में बताएं? क्या खास है इसमें?-यह एक हिंदी फिल्म है, मगर इसका प्रोडक्शन हाउस और निर्देशक साउथ के हैं। यह एक थ्रिलर फिल्म है। कोविड के बाद इंडस्ट्री में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि हर इंडस्ट्री के आर्टिस्ट दूसरी इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। मैं ‘अजाग्रता’ को अपनी पहली पैन इंडिया फिल्म कह सकता हूं, जिसमें मेरे जैसा हीरो हिंदी इंडस्ट्री से है, जबकि हीरोइन (राधिका कुमारस्वामी) कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से हैं। कई अन्य कलाकार तमिल इंडस्ट्री से हैं। आज हम अगर देखें तो पहली बार इंडियन फिल्म इंडस्ट्री उभर कर आ रही हैं।फोटो: Insta/shreyastalpade27’पुष्पा’ के सुपरहिट होने में आपकी आवाज का बड़ा योगदान माना जाता है, आपके लिए ये फिल्म कितनी टर्निंग पॉइंट साबित हुई? आपको तो डबिंग के कई प्रस्ताव आते होंगे उसके बाद?-मैं तो यही कहूंगा कि ये साउथ नहीं बॉलीवुड का ही सिनेमा है ‘पुष्पा’, जिसे हम एक अरसे से मिस कर रहे थे। मैं इसका पूरा श्रेय नहीं ले सकता। ये तो टीम वर्क था, जिसमें एक्टर-डायरेक्टर और पूरे क्रू ने मेहनत की। हां, मेरी कोशिश यही थी कि मैं पुष्पा यानी अल्लू अर्जुन की आवाज बनूं। ये लोगों तक पहुंची। ये सच है कि ‘पुष्पा’ के बाद मुझे डबिंग के बहुत सारे ऑफर आए, मगर मैं अपनी आवाज की एक्सक्ल्यूजिविटी बनाए रखना चाहता था, इसलिए मैंने वो ऑफर्स नहीं लिए। मुझे बहुत प्यार मिला इस फिल्म से। हां, अगर ‘पुष्पा 2’ में डबिंग का मौका मिला, तो मैं जरूर करना चाहूंगा।Fact Check: क्या वाकई श्रेयस तलपड़े ने कृति सेनन को बताया था देश की अगली 'मधुबाला'? सच्चाई जान उड़ जाएंगे तोतेआपने अपने करियर में ‘इकबाल’, ‘गोलमाल’ सीरीज, ‘ओम शांति ओम’ जैसी कई फिल्में कीं, मगर अब आप हिंदी फिल्मों में ज्यादा नजर नहीं आते?-सच कहूं, तो कभी -कभी मुझे लगता है कि बाकी लोग मेरे बारे में मुझसे ज्यादा सोचते हैं। उन्हें लगता है कि श्रेयस को अगर इस फिल्म या रोल प्रस्ताव दिया जाए, तो वो नहीं करेगा, ऑफस्क्रीन उनके दिमाग में मेरी एक इमेज बन गई है, मगर मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं हर तरह की फिल्म के लिए ओपन हूं। काम मेरी साधना है और अगर मैंने काम नहीं किया, तो मैं पागल हो जाऊंगा। जल्दी ही मेरी कुछ अच्छी फिल्में रिलीज होंगी। अगले महीने ‘लव यू शंकर’ आएगी। यह बच्चों की फिल्म है, इसके बाद सोहम शाह की ‘कर्तम भुक्तम’ प्रदर्शित होगी और फिर आएगी कंगना रनोत की ‘इमरजेंसी’। और भी दो फिल्में हैं, जो रिलीज पर हैं।फोटो: Insta/shreyastalpade27श्रेयस तलपड़े ने ओम वाले सिम्बल पर पैर रखने के लिए मांगी माफी, 11 साल पहले हुई इस गलती का सच आया सामनेकंगना रनोत के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?-मुझे तो उनके साथ काम करके बहुत मजा आया। उन्होंने मुझे मेरी भूमिका के बारे में जितना बताया था, उससे ज्यादा ही काम रहा। ‘इमरजेंसी’ जैसे विषय को साकार करना किसी चुनौती से कम नहीं था और ऐसे में तो और ज्यादा, जब वो प्रोड्यूस, डायरेक्ट और अभिनय भी कर रही हों, मगर उन्होंने जिस कन्विक्शन और टीम वर्क के साथ उसे निभाया वो कमाल का था। अगर मैं आपको फिल्म में अच्छा लगूंगा, तो उसका पूरा श्रेय कंगना को जाता है।फोटो: Insta/shreyastalpade27Shreyas Talpade: इन 6 हिट फिल्मों के लिए श्रेयस तलपड़े नहीं थे मेकर्स की पहली पसंद, हाथ जोड़ एक्टर ने कही ये बातथिएटर से शुरुआत करने के बाद आप कई इंडस्ट्रीज में काम कर चुके हैं, मगर संघर्ष तो आपको भी करना पड़ा होगा, कैसा था वो दौर?-मैं एक ऐसे टिपिकल मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं, जहां कॉलेज खत्म होते ही आपको घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए नौकरी करनी होती है, जो मैंने नहीं की। मेरे पास मुंबई में घर था, तो रात का खाना मिल जाता था, मगर कई बार खूब पैदल चला हूं। एक बार मैं पूरे दिन भर का भूखा था और मैं पूरा दिन रिहर्सल करके घर जा रहा था। जेब में सिर्फ दो रुपये थे, जो बस का किराया थे। मुझे दो बसें बदल कर जाना होता था। मैं बस स्टॉप पर खड़ा था और तभी मेरे बगल में एक लड़का आया और जेब से फाइव स्टार चॉकलेट निकाल कर खाने लगा। उसे देखकर मैं सोचने लगा कि कब मेरे पास इतने पैसे आएंगे कि मैं चॉकलेट भी खा सकूं और घर भी जा सकूं। आज तो सब कुछ है मेरे पास, मगर मैं उन दिनों को भूला नहीं हूं।Shreyas Talpade: ‘पुष्पा’ ने श्रेयस तलपड़े की यूं बदल दी जिंदगी, अब कर रहे हैं पुष्पा 2 का इंतजारआपकी पत्नी दीप्ति का आपके जीवन और करियर में कितना सहयोग रहा है?-सच कहूं तो उसके बिना कुछ भी मुमकिन नहीं है। मेरे करियर में एक दौर ऐसा भी आया था, जब मेरी फिल्में नहीं चल रही थीं। उस समय मेरी पत्नी दीप्ति और मेरा परिवार मेरे साथ खड़ा न होता, तो पता नहीं मेरा क्या होता? दीप्ति ने हमेशा से मुझे सपोर्ट किया है और वह मेरी ताकत रही हैं। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे ऐसी पत्नी और लाइफ पार्टनर मिली है।