ऐक्टर, डायरेक्टर, प्रड्यूसर फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहते हैं। वह फोटोज, वीडियोज शेयर करने के साथ-साथ कई मुद्दों पर अपने विचार भी रखते हैं। इन दिनों उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाई हुई है और इसके पीछे के कारण का खुलासा उन्होंने क्यूप्ले के ‘पिंच सीजन 2’ में किया है। इसके साथ ही उन्होंने ‘डॉन का रीमेक बनाने की भी वजह बताई।अरबाज खान के शो पर फरहान ने कहा, ‘मैं इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐक्टिव नहीं हूं क्योंकि मुझे इससे डिटॉक्स की जरूरत थी। एक समय था जब मैं ट्रोलर्स के साथ उलझ गया था लेकिन फिर बात यह है कि या तो आप जवाब देकर कभी ना खत्म होने वाली प्रक्रिया में फंस जाते हैं या आपको पता चलता है कि आपके पास सोशल मीडिया से परे एक जीवन है और आप उससे बाहर निकलें।’ ट्रोलर्स नहीं हो सकते वफादारफरहान का मानना है कि फैन एक आर्टिस्ट के प्रति वफादार हो सकते हैं लेकिन ट्रोलर्स वफादार नहीं हो सकते हैं। वे नए लक्ष्यों की तलाश में रहते हैं। उन्होंने ट्रोलिंग से अप्रभावित रहने के बारे में बात करते हुए कहा, ‘ये ट्रोल क्लिकबेट हैं। वे एक हुक फेंकते हैं, आप या तो शार्क की तरह व्यवहार कर सकते हैं या आप मछली की तरह व्यवहार कर सकते हैं। किसी को पर्याप्त रूप से आश्वस्त होना चाहिए, इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए।”डॉन 3’ को लेकर लोग पूछते हैं सवालवहीं, फरहान की मच अवेटेड फिल्म ‘डॉन 3’ का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा, ‘अब तो ऐसा हो गया है कि जब मैं शोक भी व्यक्त करता हूं तो लोग मुझसे ‘डॉन 3’ के बारे में पूछते हैं। वे यह भी महसूस करें कि किसी का निधन हो गया है, कम से कम उन्हें इस तरह के ट्वीट नहीं करने चाहिए।’ऑरिजनल डॉन और अमिताभ बच्चन के फैनऐक्टर ने आगे बताया, ‘अमिताभ बच्चन वाली ऑरिजनल ‘डॉन’ मेरी पसंदीदा फिल्म है और मैं अमित जी बड़ा फैन हूं। जब मैंने ऑरिजिनल फिल्म देखी तो मैं डॉन के कैरक्टर से डर गया था। मुझे लगा कि वह मेरा हीरो है और बहुत डरावना है, शातिर, मतलबी और हिंसक। इस तरह यह विचार मेरे साथ लंबे समय तक रहा। इस फिल्म के ऐक्टर्स, पटकथा में आधुनिकता है, इसलिए मैंने जोया के साथ चर्चा की और कहा कि ‘डॉन’ इतनी अद्भुत फिल्म है कि 2000 के दशक में भी इसका रीमेक बनाना चाहिए। फिर जोया ने कहा, ‘मैं आपको याद दिला दूं कि आप भी एक निर्देशक हैं तो आप इसे क्यों नहीं बनाते?’ ‘डॉन’ को बनाते समय मैंने इसे एक नया रूप देना चाहा।’