बॉलिवुड ऐक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह (Rakul Preet Singh) ने फिल्म ‘यारियां’ से साल 2014 में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया। पहली फिल्म के रिलीज के बाद रकुल ने चार साल का गैप लिया। इस दौरान वह साउथ इंडियन फिल्मों में नजर आईं। रकुल से हाल ही में एक इंटरव्यू में पूछा गया कि साउथ की फिल्मों काम करने के साथ- साथ बॉलिवुड में भी काम करती हैं। कभी लैंग्वेज को लेकर दिक्कत नहीं हुई? इस पर रकुल कहती हैं, मैं कभी लैंग्वेज को लेकर नहीं सोचती। ऐक्टिंग की कोई सीमा नहीं होती। मुझे अभी कई कमर्शल फिल्में करनी है और बॉलिवुड में अभी मुझे ढंग से नाच-गाना करना बाकी है।रकुल कहती हैं,’साउथ हो या बॉलिवुड मुझे दोनों में बैलेंस बनाने में मुश्किल नहीं लगता, क्योंकि मैं वर्कहॉलिक हूं। यदि आपकी लाइफ पूरी तरह से बैलेंस हैं तो आप एक दिन में बहुत कुछ कर सकते हैं। मैं जल्दी सोता हूं और जल्दी उठती हूं।’ बताते चलें कि रकुल उन चंद ऐक्ट्रेसेस में से हैं, जो साउथ से लेकर बॉलिवुड में अपनी एक खास पहचान बनाई हैं।रकुल आखिरी बार अजय देवगन के साथ फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ में नजर आई थीं। रकुल से जब पूछा गया है कि क्या बॉलिवुड में पैर जमाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा? इस पर ऐक्ट्रेस कहती हैं,’ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आउटसाइडर से इसका कोई लेना देना नहीं है। मैं कभी भी आउटसाइडर और इंसाइडर जैसी चीजों को नहीं मानती। मेरा बस इतना मानना है कि आपकी प्रतिभा ही आपको आगे तक ले जाती है। अगर आप मेहनती और प्रतिभाशाली हैं तो लोग आपको ऑफर देंगे। कॉनटेक्ट या जान पहचान होने से बस आपको मदद मिल सकती हैं, लेकिन असली खेल पब्लिक के हाथ में है, वही आपको पसंद या ना पसंद करते हैं।’रकुल ने अपनी फिल्मों के लेकर बताया कि उनकी दो फिल्में रिलीज के लिए पूरी तरह से तैयार है। दो की शूटिंग पूरी हो चुकी है, वहीं दो की शूटिंग शुरू होने वाली है। फिल्म रिलीज को लेकर रकुल कहती हैं,’महामारी की वजह से जो स्थिती बनी हुई है इसमें यह कहना मुश्किल है कि फिल्म थियेटर में रिलीज होगी। मेरी कुछ फिल्में पिछले साल रिलीज होने वाली थी और कुछ प्रोजेक्ट्स इसी महामारी की वजह से रुकी हुई हैं। सबकुछ ठीक रहता तो शायद शूटिंग पूरी हो जाती।’ रकुल आगे कहती हैं,’मैं इस बात से खुश हूं कि इस महामारी के दौर में भी मेरे पास काफी काम है और मुझे अपनी बुनियादी ज़रूरतों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मेरे पास जो कुछ भी है उसके लिए मैं आभारी हूं।’ओटीटी के बारे में रकुल कहती हैं,’हम बड़े पर्दे से प्यार करते हैं, लेकिन हर प्लेटफॉर्म के अपने फायदे हैं। ओटीटी एक बड़ा मंच है, और इस कठिन समय में यह जानकर अच्छा लगता है कि आप लोगों का उनके घरों में मनोरंजन कर रहे हैं। इस समय सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, इसलिए हम फिल्मों के थियेट्रिकल रिलीज़ होने के बारे में नहीं सोच सकते। उम्मीद है कि वह समय भी जल्द लौटेगा।’