बॉलिवुड ऐक्‍टर जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) ने हाल ही में आर्थिक संकट पर बात की जो उन्‍होंने और उनके परिवार ने झेला। यह घटना तब की है जब ऐक्‍टर की फिल्‍म ‘बूम’ (Boom) रिलीज हुई थी। उन्‍हें अपना घर तक बेचना पड़ा था और कर्ज उतारने के लिए वह दो शिफ्ट में काम करते थे। जैकी ने और क्‍या कहा, आइए जानते हैं…2003 में रिलीज हुई ‘बूम”बूम’ साल 2003 में रिलीज हुई थी जिसमें जैकी के अलावा अमिताभ बच्‍चन, गुलशन ग्रोवर, जीनत अमान, कटरीना कैफ जैसे ऐक्‍टर्स नजर आए थे। फिल्‍म को आयशा श्रॉफ ने प्रड्यूस किया था। इससे पहले फिल्‍म के फेल होने को लेकर टाइगर श्रॉफ ने भी बात की थी। परिवार का नाम बचाना चाहते थे जैकीअब जैकी ने दिवालिया होने का जिक्र करते हुए बताया क‍ि उन्‍होंने कड़ी मेहनत के बाद सबसे लिए हुए पैसे चुकाए ताकि उनके परिवार का नाम ना खराब हो। जैकी ने बताया, ‘मुझे मालूम है कि हम कुछ करने की कोशिश की और हमने कुछ खो दिया। अगर मुझे चुकाना है तो चुकाऊंगा। मैं जितना ज्‍यादा काम कर सकता था, मैंने किया और हमने सभी के पैसे चुका दिए ताकि हमारे परिवार का नाम बदनाम ना हो।’बच्‍चों पर नहीं पड़ने दिया असरजैकी ने आगे कहा, ‘बिजनस में अप डाउन होता ही है, ये जरूरी नहीं है कि हम हमेशा ऊपर ही रहेंगे। कभी ऊपर, कभी नीचे होता है लेकिन आपको यह मालूम होना चाहिए कि अपनी पवित्रता और नैतिकता को कैसे बरकरार रखना है।’ जैकी कहते हैं, ‘मैंने और आयशा ने आर्थिक दिक्‍कतों का असर टाइगर और कृष्‍णा पर नहीं पड़ने दिया। मेरे बच्‍चे कुछ नहीं समझते थे। वे बहुत छोटे थे।’पत्‍नी वापस नहीं चाहती घरटाइगर ने जैकी को वादा किया था कि वह अपने खोए हुए घर को फिर से खरीदेंगे। बेटे की इस बात पर रिऐक्‍ट करते हुए जैकी कहते हैं, ‘मुझे अपने दोनों बच्‍चों पर गर्व है। वे मजबूत हैं और उस घर को वापस पाना चाहते हैं लेकिन मेरी पत्‍नी घर नहीं चाहती है। आयशा का कहना है कि जाने दो, जो चला गया, वह गया मगर टाइगर की सोच अच्‍छी थी कि वह अपनी मां और परिवार के लिए घर चाहता है।’तब जमीन पर सोने लगे थे टाइगरजून 2020 में टाइगर ने ‘बूम’ की असफलता के बारे में बात करते हुए बताया था कि उसका उनके परिवार पर कितना असर पड़ा था। ऐक्‍टर ने कहा था, ‘मुझे याद है कि कैसे हमारे फर्नीचर एक-एक करके बिक गए थे। जिन चीजों को देखकर मैं बड़ा हुआ, वे गायब होने लगीं। फिर मेरा बेडा चला गया और मैं जमीन पर सोने लगा। यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा एहसास था।’