गुजरे जमाने के फेमस स्टार कबीर बेदी हिन्दी सिनेमा के कॉन्ट्रोवर्शल (Kabir Bedi bankrupt in Hollywood) स्टार्स में से एक रहे हैं। 75 साल के कबीर एक बार फिर खबरों में हैं और इसकी वजह है उनकी हालिया रिलीज़ ऑटोबायॉग्रफी ‘आई मस्ट टेल: द इमोशनल जर्नी ऑफ एन ऐक्टर’ (I Must Tell: The Emotional Life of an Actor), जिसमें उनके करियर जर्नलिज्म, ऐक्टिंग और जीवन के अलग-अलग पहलुओं के बारे में काफी कुछ मौजूद है।इस किताब में उनके पर्सनल लाइफ के अनुभवों के अलावा बेटे सिद्धार्थ की आत्महत्या (Kabir Bedi on his son’s suicide), परवीन बाबी से रिलेशनशिप के साथ-साथ कई और बातें हैं।कबीर बेदी हॉलिवुड फिल्मों का भी हिस्सा रहे हैं और जेम्स बॉन्ड फिल्म Octopussy में अहम रोल निभाया है। कबीर ने अपने दिवालिया होने और इसकी वजह से जो अपमान उन्हें सहना पड़ा, इस बारे में भी बताया है।Brut India को दिए अपने इंटरव्यू में कबीर ने लाइफ में मिले ठोकरों के बाद हिम्मत बांधकर खुद को फिर से खड़ा करने की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, ‘अपने बेटे के सुसाइड और हॉलिवुड में दिवालियापन के गहरे सदमे से होकर मैं गुजरा। किसी सिलेब्रिटी के लिए उसका दिवालिया होना काफी अपमानजनक होता है। लेकिन आपको फिर से ऊपर उठने का रास्ता ढूंढना ही पड़ता है और खुद को दोबारा शुरू करना होता है। मैंने अपनी पूरी लाइफ में खुद में नयापन लाने का बार-बार प्रयास किया है।’ कबीर बेदी का मानना है कि अपने आध्यात्म के अलावा उनके माता-पिता ने सिख और बौद्ध धर्म से जुड़ी शिक्षा दी, जिससे उन्हें अपने जीवन के मुश्किल वक्त में लड़ने की शक्ति मिली।कबीर बेदी ने चार शादियां की हैं और उनके तीन बच्चे हुए- पूजा, सिद्धार्थ और एडम। सिद्धार्थ सीजनोफ्रेनिया से ग्रसित थे और 26 की उम्र में साल 1997 में उन्होंने आत्महत्या कर ली। कबीर बेदी ने हिन्दी फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी और बाद में वह हॉलिवुड की तरफ मुड़ गए। बेदी इंडिया के पहले से ऐसे इंटरनैशनल ऐक्टर हैं जिन्होंने हिन्दी सिनेमा से अपनी शुरुआत की और हॉलिवुड में कदम बढ़ाया और यूरोप में स्टार बन गए।