बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को फिल्मों के अलावा उनके बोल्ड स्टेटमेंट की वजह से भी जाना जाता है। वो लगभग हर मुद्दे पर अपनी राय रखती हैं और खुलकर बोलती हैं। अब उन्होंने एयरपोर्ट लुक्स को अलविदा कह दिया है। उन्होंने दावा किया है कि इस ट्रेंड की शुरुआत उन्होंने ही की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई फोटोज शेयर की हैं और उनका ब्रेनवॉश करने के लिए फैशन इंडस्ट्री को जमकर खरी-खोटी भी सुनाई है।Kangana Ranaut Airport Look: कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ फोटोज शेयर की हैं। उन्होंने इंडिया में एयरपोर्ट लुक के चलन की जिम्मेदारी ली। कैप्शन में लिखा, ‘मैंने ही इस बेवकूफ एयरपोर्ट लुक्स की शुरुआत की थी।’ उन्होंने इसके लिए खुद को दोषी ठहराया। फिर खुद को ‘पूंजीवाद का शिकार’ के रूप में टैग किया।फैशन इंडस्ट्री को कोसाकंगना का नया इंस्टा पोस्ट36 साल की एक्ट्रेस ने कहा, ‘मैगजीन के एडिटर्स और फैशन इंडस्ट्री के माध्यम से एक वेस्टर्न महिला दिखने के लिए ब्रेनवॉश किया गया, ताकि मैं इंटरनेशनल डिजाइनरों की जेब भर सकूं। माहौल पर मेरी पसंद के प्रभाव के बारे में परवाह किए बिना हमेशा कपड़े खरीदने में शर्म आती है।’मंदिर में छोटे कपड़ों में लड़की को देख भड़कीं Kangana Ranaut, लोग बोले-आपलोगों ने ही इस फैशन को बढ़ावा दियाKangana Ranaut: ‘जेंडर आपकी पहचान नहीं है…’ कंगना रनौत का सेम-सेक्स मैरिज पर आया रिएक्शन, दे डाली ये सलाहवो आगे लिखती हैं, ‘जबकि मैं एक बिंबो की तरह काम करती हूं, सिस्टम मुझे एक फैशनिस्टा के रूप में सम्मानित करता है, जो मुझे और ज्यादा इंटरनेशनल ब्रांड्स को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। जबकि मेरे अपने लोग जैसे बुनकर और हस्तशिल्प पुरुष धीमी और स्थिर मौत मर रहे हैं। फिर वे चालाकी से मेरे पहने जाने वाले हर चीज (कपड़ों) की कीमत लगाना शुरू कर देते हैं।’कंगना का ये है नजरियाकंगना ने कहा कि फैशन ब्रांड सिर्फ कपड़े और बैग भेजकर आपको उनके लिए मुफ्त में काम करवाते हैं, वे पूरी सभ्यता की संस्कृतियों और परंपराओं को हाईजैक करना शुरू कर देते हैं।छोटे कपड़ों में मंदिर पहुंची लड़कियों को Kangana Ranaut ने लताड़ाएयरपोर्ट लुक को कहा अलविदाकंगना ने खुद से सवाल किया कि अगर एक भारतीय महिला ऐसी दिखती है तो एक अमेरिकी महिला कैसी दिखती है! इस ट्रेंड को अलविदा कहते हुए उन्होंने कहा, ‘अलविदा एयरपोर्ट लुक, ऐसा लगता है कि हम उस फेज से आगे निकल गए हैं। अब समय आ गया है कि अगर मैं एक कपड़ा भी खरीद लूं, तो मैं खुद से पूछती हूं कि इससे कितने भारतीयों को फायदा होगा।’