कोरोना की तीसरी लहर के बाद खुले सिनेमाघरों में दर्शकों की रौनक लौट आई है। पिछले हफ्ते रिलीज हुई आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi), तमिल सुपरस्टार अजित कुमार (Ajith Kumar) की ‘वलीवई’ (Valimai) और तेलुगु सुपरस्टार पवन कल्याण (Pawan Kalyan) की ‘भीमला नायक’ (Bheemla Nayak) ने थिएटरों पर फिर से हाउसफुल के बोर्ड टंगवा दिए हैं। इससे उत्साहित मल्टीप्लैक्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट और पीवीआर पिक्चर्स के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी ने खासतौर पर ‘वलीमई’, ‘भीमला नायक’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के निर्माताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि सिनेमाघरों में दर्शक लौट आए हैं। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में रिलीज हो रही दूसरी बड़ी फिल्मों के साथ और ज्यादा दर्शक सिनेमाघरों में आएंगे। साउथ फिल्मों ने तोड़े कमाई के रिकॉर्ड’गंगूबाई काठियावाड़ी’ की कमाई को लेकर इंडस्ट्री वाले चिंतित थे, लेकिन इस फिल्म ने फीमेल सेंट्रिक होने के बावजूद पहले दिन 10 करोड़ से ज्यादा की कमाई करके फिल्म इंडस्ट्री के जानकारों को हैरान कर दिया। लेकिन बात अगर तमिल और तेलुग फिल्मों की करें, तो उन्होंने तो कमाई के सारे पुराने रिकॉर्ड ही तोड़ दिए। सुपरस्टार पवन कल्याण की फिल्म ‘भीमला नायक’ ने पहले दिन सिर्फ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना 39 करोड़ की कमाई करके नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले पवन कल्याण की ही ‘वकील साहब’ ने पहले दिन 35 करोड़ की कमाई की थी।आलिया भट्ट Exclusive: बूढ़ी औरत की कहानी नहीं है ‘गंगूबाई”वलीमई’ और ‘भीमला नायक’ की पहले 2 दिनों की कमाईवहीं ‘भीमला नायक’ ने दुनियाभर में पहले दिन 61 करोड़ की कमाई की। शुक्रवार को रिलीज हुई यह फिल्म पहले दो दिन में सिर्फ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 62 करोड़ की कमाई कर चुकी है। उधर तमिल सुपरस्टार अजीत कुमार की फिल्म ‘वलीमई’ ने रिलीज के पहले दिन तमिलनाडु में 36 करोड़ की कमाई करके न सिर्फ रजनीकांत का रिकॉर्ड तोड़ दिया, बल्कि तमिल सिनेमा में पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। इससे पहले रजनीकांत की बीते साल दिवाली पर रिलीज हुई फिल्म ‘अन्नाथे’ ने पहले दिन 35 करोड़ कमाई करके नया रिकॉर्ड बनाया था।1-2 दिनों में ही तगड़ी कमाई से किया हैरानवहीं बात अगर दुनियाभर की करें, तो ‘वलीमई’ ने पहले दिन दुनियाभर में 59 करोड़ की कमाई की थी। गुरुवार को रिलीज हुई इस फिल्म ने पहले तीन दिनों में सिर्फ तमिलनाडु में 81 करोड़ की कमाई की है। बेशक यह किसी भी हिंदी पट्टी के फिल्म प्रेमी के लिए हैरानी की बात हो सकती है कि जहां हिंदी की फिल्में 10- 12 राज्यों में रिलीज होने के बावजूद भी इतनी कमाई नहीं कर पातीं, वहीं तमिल और तेलुगु की फिल्मों महज एक या दो राज्यों से ही इतनी ज्यादा कमाई कर लेती हैं। खासकर पहले दिन की कमाई में तो साउथ के सितारे लगातार कमाई के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।क्या है साउथ की फिल्मों की बंपर कमाई का राज?बीते साल दिवाली पर कोरोना के चलते करीब डेढ़ साल बाद खुले सिनेमाघरों में जब बॉलिवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ रिलीज हुई तो उसने भी पहले दिन महज 26 करोड़ ही कमाई की थी। हालांकि उसके पीछे फिल्मी पंडित तर्क देते हैं कि कई राज्यों में 50 फीसदी कपैसिटी के चलते ‘सूर्यवंशी’ का कलैक्शन प्रभावित हुआ। हमने फिल्मी पंडितों से बॉलिवुड के मुकाबले साउथ सिनेमा की फिल्मों की पहले दिन की बंपर कमाई का राज पूछा, तो कई दिलचस्प वजहें सामने आईं।शोज का आधी रात से ही शुरू होनाट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं कि साउथ सिनेमा के स्टार्स की फिल्मों के पहले दिन बंपर कमाई करने की कईं वजहें हैं। पहली तो यही है कि वहां पर सिनेमाघरों के शोज आधी रात से शुरू हो जाते हैं और आधी रात तक ही चलते रहते हैं। पूरे दिन में सिनेमाघरों में शोज को बीच में बस एकाध घंटे के लिए ही रोका जाता है। यही वजह है कि वहां के सिनेमाघरों में इतने ज्यादा शोज चलते हैं कि भारी तादाद में फैंस अपने शेड्यूल के हिसाब से अपने चहेते सुपरस्टार की फिल्म देख पाते हैं। साउथ सिनेमा के जानकार बताते हैं कि ‘वलीमई’ के लिए तमिलनाडु के सिनेमाघर अल सुबह डेढ़ बजे से शो चला रहे हैं, जोकि आधी रात तक चलते हैं। जबकि हिंदी पट्टी में अमूमन सुबह 9-10 बजे से पहले सिनेमाघरों में शो शुरू नहीं होते। यानी कि अगर एक हिंदी पट्टी का मल्टीप्लैक्स एक दिन में किसी सुपरस्टार की फिल्म के 25 शो चला रहा होता है, तो वहीं साउथ इंडिया का एक मल्टीप्लैक्स वहां के सुपरस्टार की फिल्म के 50 शोज चला रहा होता है।फिल्मी सितारों का भगवान की तरह पूजा जानावहीं प्रड्यूसर और फिल्म ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर साउथ की फिल्मों के ज्यादा कलैक्शन की वजह वहां पर आम दर्शक का अपने फिल्मी सितारों को भगवान की तरह पूजना भी मानते हैं। गिरीश कहते हैं कि साउथ इंडिया में लोग अपने सुपरस्टार्स को भगवान की तरह मानते हैं और उनकी फिल्म की रिलीज को उत्सव की तरह सेलिब्रेट करते हैं। उनके बड़े-बड़े कटआउट लगाकर उन्हें दूध से नहलाते हैं, जोकि नॉर्थ के दर्शकों को अचरज भरा लगता है। जानकारों के मुताबिक, साउथ के सितारों की फिल्मों को देखने के लिए पहले दिन खासतौर पर पूरी की पूरी फैमिली सिनेमाघर पहुंचती है, जिसके चलते शुरुआती दिनों में एवरेज फुटफॉल 80 से 90 फीसदी रहता है। इसके उलट नॉर्थ इंडिया के सिनेमाघरवाले 35 फीसदी फुटफॉल पर भी खुश हो जाते हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों कोविड के चलते 50 फीसदी कपैसिटी पर भी हिंदी पट्टी के सिनेमावाले फिल्मों को चलाने के लिए तैयार थे। छुट्टी लेकर चहेते हीरो की फिल्म देखते हैं लोगवहीं साउथ के राज्यों में वहां के सिनेमावाले 100 फीसदी कपैसिटी के लिए लगातार सरकार पर दबाव बना रहे थे। यह साउथ इंडिया के दर्शकों की अपने फिल्मी सितारों को लेकर जबरदस्त दीवानगी ही है कि वहां लोग अपने काम और ऑफिस से छुट्टी लेकर चहेते सुपरस्टार की फिल्म देखने आते हैं और यह वहां के कल्चर में शामिल है। मसलन जब रजनीकांत की फिल्म रिलीज होती है, तो तमाम तमिलनाडु निवासी आईटी प्रफेशनल बेंगलुरु से चेन्नै सिर्फ रजनीकांत की फिल्म देखने जाते हैं। अगर साउथ इंडिया में कोई कर्मचारी अगर रजनीकांत, अजीत कुमार, प्रभास और चिरंजीवी जैसे सितारों की फिल्म देखने के लिए छुट्टी मांगे, तो हो सकता है कि बॉस पूरी टीम के साथ खुद भी फिल्म देखने पहुंच जाए।सिनेमाघरों की सस्ती टिकटेंफिल्म ट्रेड एनालिस्ट साउथ सिनेमा की फिल्मों की बंपर कमाई की एक महत्वपूर्ण वजह वहां पर सिनेमाघरों के टिकटों का काफी सस्ता होना भी मानते हैं। वो कहते हैं कि साउथ इंडिया में इतनी भारी तादाद में लोग इसलिए अपने चहेते सितारों की फिल्में देखने के लिए पूरे परिवार के साथ सिनेमा जा पाते हैं क्योंकि वहां टिकटों के दाम उनके बजट में हैं। लेकिन इसके उलट नॉर्थ इंडिया में टिकटों के दाम इतने ज्यादा हैं कि कोई सामान्य आदमी पूरे परिवार के साथ फिल्म देखने जाने से पहले कई बार सोचता है। अगर हिंदी पट्टी के सिनेमावाले अपने यहां दर्शकों का फुटफॉल साउथ इंडिया की तरह बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें सबसे पहले अपने आसमान छूते टिकटों के दामों को काबू करना होगा। वरना ज्यादातर दर्शक गिनीचुनी फिल्मों को सिनेमा में देखकर बाकी के ओटीटी पर रिलीज होने का इंतजार करने के लिए मजबूर होगा। टिकट के दाम पर कंट्रोलजानकारों के मुताबिक साउथ के राज्यों में सरकारें भी फिल्मों के टिकटों के दामों पर नजर रखती हैं। यही वजह है कि जहां उत्तर भारत के सिनेमाघरों में किसी दर्शक को अमूमन 200 से 300 में भी किसी फिल्म का टिकट मिलना मुश्किल है। जबकि दक्षिणी भारत में आपको महज 50 रुपए में भी अपने सुपरस्टार की फिल्म का टिकट मिल सकता है। यही वजह है कि किसी भी साउथ सुपरस्टार की फिल्म की रिलीज के दौरान उनके फैन क्लब जबरस्त एडवांस बुकिंग करते हैं और वहां के सितारे कमाई के अपने ही रिकॉर्ड को लगातार तोड़ते जा रहे हैं।