नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत में स्थानीय कानूनों के अनुपालन के साथ उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के अपने प्रयासों के तहत उत्पाद में बदलाव, संसाधनों और कर्मचारियों में लगातार निवेश किया है। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर अपनी बातें रखने के बाद गूगल ने यह कहा। फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों ने संसद की स्थायी समिति के समक्ष अपनी बातें रखी। सूत्रों के अनुसार कंपनी के अधिकारियों से कहा गया है कि वे नए आईटी नियमों, सरकारी निर्देशों और अदालती आदेशों का पालन करें। प्रतिनिधियों को यह भी बताया गया कि उनके मौजूदा आंकड़ा संरक्षण और गोपनीयता नीति की व्यवस्था में खामियां हैं। कंपनियों से अपने उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों की गोपनीयता और आंकड़ा सुरक्षा के लिये कड़े उपाय करने को कहा गया। गूगल का प्रतिनिधित्व इसके क्षेत्रीय प्रमुख (सरकारी मामले और सार्वजनिक नीति) अमन जैन और निदेशक (विधि) गीतांजलि दुग्गल ने किया, जबकि सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक का प्रतिनिधित्व फेसबुक इंडिया के निदेशक (लोक नीति) शिवनाथ ठुकराल और जनरल काउंसल नम्रता सिंह ने किया। गूगल के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम हमेशा नीति निर्माताओं के साथ बातचीत में शामिल होने के अवसरों का स्वागत करते हैं और अवैध सामग्री से निपटने और हमारे मंचों पर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों का विवरण साझा करते हैं।’’ उसने कहा, ‘‘भारत में स्थानीय कानूनों के अनुपालन के साथ उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने के अपने प्रयासों के तहत उत्पाद में बदलाव, संसाधनों और कर्मचारियों में लगातार निवेश किया गया है। साथ ही देश में स्थानीय कानून के अनुपालन के साथ लोगों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभाते हुए अपने मंचों के खुलेपन को संतुलित करने में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।’’ फेसबुक से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है। सूत्रों के अनुसार संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सोशल/ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग को रोकना था। सूत्रों ने कहा कि समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने सोशल मीडिया मंच का उपयोग करने वाली महिलाओं की निजता को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कई महिला सांसदों से भी शिकायतें मिली हैं। संसदीय समिति आने वाले हफ्तों में इस मुद्दे पर यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मध्यस्थों के प्रतिनिधियों को भी बुलाएगी। फेसबुक और गूगल से पहले ट्विटर के प्रतिनिधि समिति के समक्ष पेश हुए थे। पिछली बैठक में समिति के कई सदस्यों ने ट्विटर से साफ तौर पर कहा था कि देश का कानून सर्वोच्च है न कि सोशल मीडिया मंच की अपनी नीति।