नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) केंद्र ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए इस साल जुलाई-नवंबर की अवधि के दौरान मुफ्त वितरण के लिए 199 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किये। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की घोषणा की थी, ताकि महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान के कारण गरीबों को होने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सके। दूसरी लहर के प्रकोप के बाद, इस साल इस योजना को शुरू में मई-जून के लिए फिर से शुरू किया गया और फिर बाद में नवंबर तक बढ़ा दिया गया। इस योजना के तहत, केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान कर रहा है। केंद्र ने पीएमजीकेएवाई कार्यक्रम को लागू करने के लिए पिछले साल 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च किए और इस साल 93,869 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे सरकारी खजाने पर कुल 2,27,841 करोड़ रुपये का बोझ आयेगा। योजना के पांच महीने के विस्तार के साथ, खाद्य मंत्रालय ने पीएमजीकेएवाई-चार (जुलाई-नवंबर 2021) के तहत 198.78 लाख टन खाद्यान्न का और आवंटन किया है। पीएमजीकेएवाई-चार के तहत, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा जैसे आठ राज्यों ने खाद्यान्न उठाना शुरू कर दिया गया है और 28 जून, 2021 तक 1.06 लाख टन अनाज उठा लिया गया है। पीएमजीकेएवाई-तीन (मई-जून 2021) के तहत, भारतीय खाद्य निगम ने सभी 36 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को 77.42 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की। इसमें से 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने मई-जून 2021 के लिए आवंटन को पूरी तरह से उठा लिया है। इनमें आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। अनाज उठाव करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2021 है। मौजूदा समय में केंद्रीय पूल में 591 लाख टन गेहूं और 295 लाख टन चावल (कुल 886 लाख टन खाद्यान्न) उपलब्ध है।