कई लोग आर्थिक रूप से मजबूत और स्वतंत्र बनना चाहते हैं, खासतौर पर वह जो 30 की उम्र में पहुंच चुके हैं। इसे पाने के लिए हर कोई अलग-अलग योजनाओं और निवेश के अवसरों को भी तलाशता रहता है। हालांकि, इसके लिए हर नए और सीमित समय सीमा वाले निवेश के फेर में पड़ना सही नहीं है। कुछ विकल्प पहली नजर में तो बहुत आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन आगे चलकर यह बड़े नुकसान का कारण बन जाते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से लेकर रियल एस्टेट तक, जानें निवेश से जुड़े उन चलन के बारे में, जिनसे हर किसी को सावधान रहने की जरूरत है।क्रिप्टोकरेंसी का क्रेजपिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी और NFT मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव आया है। जहां कुछ निवेशकों ने अच्छा मुनाफा कमाया है, वहीं क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिरता इसे एक जोखिम भरा निवेश बनाती है। अगर आप 30 की उम्र में खुद को वित्तीय तौर पर स्थिर बनाना चाहते हैं तो आपको छोटे-छोटे फायदे के बजाय लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर ध्यान देना होगा।जल्दी अमीर बनाने का दावा करने वाली स्कीम्सजल्दी अमीर कौन नहीं बनना चाहता है? आसान कमाई और कम समय में वित्तीय स्वतंत्रता पाने के लालच से बच पाना मुश्किल है। पिरामिड स्कीम्स, मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) और कम या बिना किसी जोखिम वाले हाई-रिटर्न इन्वेस्टमेंट जैसी स्कीम्स अस्थिर होती हैं और यह आपको किसी बड़े धोखाधड़ी का भी शिकार बना सकती हैं। । अगर आप 30 की उम्र में वाकई में अमीर बनना चाहते हैं तो ऐसी किसी भी स्कीम से दूर रहें जो तुरंत अमीर बनने के वादे करती है।डे ट्रेडिंग और मार्केट टाइमिंगइक्विटी में निवेश करने के कई तरीके हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों में डे ट्रेडिंग और पूर्वानुमान के आधार पर वित्तीय बाजार में निवेश करने का चलन बढ़ गया है। इसकी एक मुख्य वजह ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म्स की बढ़ती संख्या है। कुछ लोगों को इसके जरिए अच्छा पैसा कमाने का भी मौका मिला है। हालांकि, ज्यादातर डे ट्रेडर्स और मार्केट टाइमर्स ऐसे हैं, जिन्हें अपने निवेश पर या तो औसत रिटर्न मिला या फिर बड़े घाटे का सामना करना पड़ा। बाजार में किस समय पर निवेश करना सही है, इसे समझने के लिए कीमत में छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव पर बारीकी से नजर रखनी पड़ती है। ऐसा कर पाना बड़े से बड़े और अनुभवी निवेशकों तक के लिए आसान नहीं होता है।रियल इस्टेट में उथल-पुथलरियल एस्टेट फ्लिपिंग वह तरीका है, जिसमें प्रॉपर्टी को खरीदकर उसे ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। हाउसिंग मार्केट जब अच्छा चल रहा हो, तब इस तरह के निवेश अच्छे साबित हो सकते हैं। हालांकि, यह बात ध्यान रखना चाहिए कि थोड़े समय के लिए रहने वाला यह ट्रेंड कई जोखिम भी साथ लाता है, खासतौर पर तब जब प्रॉपर्टी मार्केट में मंदी चल रही हो। इस तरह के निवेश के लिए व्यक्ति के पास लोकल रियल एस्टेट मार्केट की अच्छी समझ के साथ ही इतना पैसा होना चाहिए कि अचानक बाजार में मंदी आ जाए, तो वह उसके असर को सह सके।वित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिए आर्थिक फैसलों को लेकर काफी सतर्क और अनुशासित रहना पड़ता है। इसलिए, ट्रेंड्स के पीछे भागने से बेहतर है कि जीवन बीमा योजना जैसे पारंपरिक निवेश के तरीके को अपनाया जाए।HDFC Life Click 2 Protect Super एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, व्यक्तिगत, प्योर-रिस्क प्रीमियम/सेविंग्स लाइफ इंश्योरेंस प्लान है। HDFC Life व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही बीमा से जुड़े कई विकल्प उपलब्ध करवाता है। इसमें लाइफ स्टेज ऑप्शन भी है, जिससे शादी या फिर बच्चे के जन्म की स्थिति में कवरेज को बढ़ाया जा सकता है और साथ ही पॉलिसी टर्म को भी आगे बढ़ा सकते हैं।लाइफ कवर बदलना हो या फिर एक्सिडेंटल डेथ और टर्मिनल इलनेस का कवरेज, HDFC Life Click 2 Protect Super पॉलिसी में आप अपनी बदलती जरूरतों के अनुसार बदलाव ला सकते हैं। वहीं Return of Premium विकल्प के जरिए पॉलिसी के मैच्योर होने पर आपको पूरा प्रीमियम भी वापस मिलेगा। HDFC Life लाइलाज बीमारी होने की स्थिति में एक्सेलेरेशन ऑफ डेथ बेनिफिट भी देता है। इसमें आयु सीमा 80 वर्ष तक है। वहीं दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर बीमाधारक को अतिरिक्त राशि दी जाती है।HDFC Life’s Click2Protect Super पॉलिसी आपको डेथ बेनिफिट को 200% तक बढ़ाने का विकल्प देती है। वहीं अगर आप डेथ बेनिफिट में अपनी जरूरत के अनुसार बदलाव लाना चाहते हैं, तो उसके आधार पर चुनी गई पॉलिसी के प्लान में भी बदलाव किए जा सकते हैं। गंभीर बीमारी होने की स्थिति में आप WOP CI विकल्प का इस्तेमाल करते हुए प्रीमियम को रुकवा सकते हैं। वहीं स्थायी विकलांगता होने पर WOP Disability विकल्प के जरिए प्रीमियम पर छूट पाई जा सकती है। इतना ही नहीं पॉलिसी में पति/पत्नी के लिए भी एडिशनल कवर लिया जा सकता है और अगर आपको डेथ बेनिफिट्स का भुगतान किस्तों में करवाना हो, तो यह विकल्प भी इसमें उपलब्ध है।HDFC Life Click 2 Protect Super पॉलिसी में Life, Life Plus और Life Goal नाम के तीन विकल्प हैं। Life विकल्प लाइलाज बिमारी पर बेनिफिट देता है। इस पॉलिसी के तहत, आप कवर अमाउंट को बढ़ाते हुए अपने परिवार को आर्थिक मजबूती दे सकते हैं। Life Plus एक्सिडेंटल डेथ और लाइलाज बीमारी के मामले में बेहतर कवर देता है। तीसरा विकल्प Life Goal ऑप्टिमम कवरेज को सुनिश्चित करता है। इस पॉलिसी प्लान में आप तय समय-सीमा के लिए अपनी जरूरत के अनुसार लाइफ कवर में बदलाव ला सकते हैं। यह विकल्प आपको अपने परिवार को रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने और आर्थिक बोझ से बचाने में मददगार साबित हो सकता है।HDFC Life Click 2 Protect Super के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करेंसही मायनों में वित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिए अनुशासन, कड़ी मेहनत और अच्छी आर्थिक योजना बनाना जरूरी है। किसी भी लुभावने लगने वाले चलन में निवेश करने से बचें और इसकी जगह लगातार बचत, निवेश और पैसों को सही तरह से खर्च करने पर ध्यान डालें। यही आपको आर्थिक मजबूती देने में मदद करेगा।Disclaimer: This article has been produced on behalf of HDFC Life by Times Internet’s Spotlight team.