नई दिल्ली WFH News: भारत में कोरोना संकट के दूसरे चरण के बाद वर्क फ्रॉम होम को कंटिन्यू कर रही कंपनियां अपने दफ्तर का मेकओवर करने में जुटी हुई हैं। अपने स्टाफ की सुरक्षा और वर्क फ्रॉम होम रूटीन से बाहर निकालने की कोशिश के तहत कंपनियां यह कोशिश कर रही है कि दफ्तर आने पर उनके स्टाफ को अब अजीब ना लगे। इस साल अप्रैल में कोरोना संकट के दूसरे चरण के तेज होने के बाद दफ्तर से काम कराने का इंडिया इंक का प्लान बिगड़ गया था।यह भी पढ़ें: वोडाफोन-आइडिया को राहत देने की तैयारी में है सरकार, एयरटेल को भी होने वाला है फायदाहर सेक्टर में अधिक जगह चाहिएदेश भर के तकरीबन हर सेक्टर की बड़ी कंपनियां अब अपने स्टाफ के लिए प्रति वर्ग फीट ऑफिस स्पेस बढ़ाने में जुटी है। तकरीबन हर सेक्टर की कंपनी अब अपने एंप्लोई के लिए जगह दोगुना करने में लगी है। इसके साथ ही ऑफिस का सामान्य कामकाज शुरू होने की उम्मीद में कंपनियां कोलेब्रेटिंग एरिया को भी बढ़ाने में जुटी हैं। कंपनियों को उम्मीद है कि साल 2021 के अंत या साल 2022 की शुरूआत तक ऑफिस का सामान्य कामकाज शुरू हो सकता है। IT सेक्टर में दोगुना स्पेस इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और आईटी आधारित सेवाओं के मामले में कंपनियां अब प्रति व्यक्ति 80 से 100 स्क्वायर फीट तक जगह ले रही हैं। कुछ मामलों में पहले कंपनियां प्रति एंप्लोई 60 वर्ग फीट जगह लेती थी, जबकि इसका स्टैंडर्ड 125 वर्ग फीट है। वास्तव में कंपनियां रियल एस्टेट के महंगे खर्च से बचने के लिए कम जगह लेती थी।दफ्तर बढ़ा रही हैं कंपनियां कई बड़ी कंपनियां अब अपने दफ्तर को बढ़ाने में जुटी हुई है। इनमें लिंकडइन, रॉकवेल कॉलिन्स, डैन्स्के आईटी और कॉग्निजेंट जैसी कंपनियां शामिल है। डैंस्के आईटी के कॉरपोरेट डायरेक्टर (ग्लोबल रियल एस्टेट) जे एस गोविंदैया ने कहा, “ज्यादातर कंपनियां अपने ऑफिस स्पेस को दोबारा अलाइन करने में जुट गई है। उन्हें लगता है कि अगले कुछ दिनों में दफ्तर से सामान्य कामकाज शुरू हो सकता है और उनके 30 से 40 फ़ीसदी एंप्लोई work-from-home को कंटिन्यू कर सकते हैं। इस हिसाब से दफ्तर को बढ़ाया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन से आजादी बहुत सी कंपनियां अपने कामकाज को अलग-अलग जगह ले जाने के बारे में भी सोच रही हैं। इसकी वजह यह है कि कई कंपनियों का दफ्तर पिछले कोरोना संकट में कंटेनमेंट जोन के दायरे में आ गया था। इस वजह से दफ्तर आकर काम करना मुश्किल हो रहा था। कंपनियां चाहती हैं कि अगर उनके दफ्तर अलग-अलग इलाके में मौजूद रहेंगे तो सभी दफ्तर एक साथ कंटेनमेंट जोन के दायरे में नहीं आएंगे।यह भी पढ़ें: हौज खास के छोटे से टिन के कमरे से समीर गहलोत ने कैसे खड़ा किया 35,000 करोड़ का एंपायर?IPO की आने वाली है बाढ़, सेबी ने नियमों में किया बड़ा बदलाव