चीनी कंपनियां स्कीन कलर पहचानने वाली तकनीक से लैस कैमरों को यूरोपीय बाजारों में बेच रही है। इससे यूरोप में मानवाधिकार हनन का खतरा बढ़ गया है। ये कैमरे इंसान की स्कीन का कलर देखकर उसकी जातीयता की पहचान कर सकते हैं। यूरोप पहले से ही अफ्रीका से आए शरणार्थियों की हिंसा का सामना कर रहा है।