मेक्सिको सिटीमेक्सिको में टियाटिहुआकन पिरामिड के नीचे लगभग 2000 साल पुराने फूलों का गुच्छा मिला है। इस फूल को तब के निवासियों ने किसी देवता को अर्पित किया था। इसकी खोज करने वाले पुरातत्वविदों ने बताया कि टियोतिहुआकान के प्राचीन लोगों ने देवता को फूल चढ़ाने से पहले उसे अच्छे से सुंदर गुलदस्ते में लपेटा, उन्हें लकड़ी के एक झुरमुट के नीचे रखा और आग लगा दी। ऐसे में यह फूल हजारों साल तक बने रहने के लिए अच्छे से संरक्षित हो गया।पिरामिड के नीचे सुरंग में मिला फूललाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्वविदों ने इस फूल को मेक्सिको सिटी के उत्तर-पूर्व में स्थित प्राचीन शहर के पिरामिड के नीचे एक सुरंग में खोजा है। पिरामिड अपने आप में विशाल है और जब इसे पहली बार बनाया गया था तब इसकी लंबाई 75 फीट (23 मीटर) हुआ करती थी। ऐसे में यह पिरामिड मिस्र के गीजा के स्फिंक्स से भी लंबा था। लेकिन, समय के साथ यह छोटा होता गया और आज इसका मुख्य हिस्सा ही बचा हुआ है।अंतरिक्ष से कैसा दिखता है गीजा का पिरामिड? जापानी एस्ट्रोनॉट ने स्पेस स्टेशन से तस्वीर शेयर कर बतायानाग देवता से सम्मान में बनाया गया थाटियाटिहुआकन पिरामिड ‘पंख वाले सर्प के मंदिर’ का हिस्सा है, जिसे मेसोअमेरिका में पूजे जाने वाले नाग देवता क्वेटजालकोट के सम्मान में बनाया गया था। फूल मिलने वाले सुरंग की खुदाई का नेतृत्व मेक्सिको के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एंथ्रोपोलॉजी एंड हिस्ट्री (INAH) के पुरातत्वविद् सर्जियो गोमेज-चावेज कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पुरातत्वविदों को सुरंग के सबसे गहरे हिस्से में जमीन से 59 फीट (18 मीटर) नीचे गुलदस्ते मिले हैं।मिस्र: महान गीजा पिरामिड पर पुरानी थिअरी ‘बकवास’, एक्सपर्ट ने बताया निर्माण का सचप्रजनन क्षमता से जुड़े अनुष्ठानों में चढ़ाया गया थासर्जियो गोमेज-चावेज ने यह भी कहा कि गुलदस्ते के बगल में मिट्टी के बर्तनों के कई टुकड़े, वर्षा और उर्वरता से जुड़े देवता टाललोक को दर्शाने वाली एक मूर्ति के साथ पाए गए। उन्होंने लाइव साइंस को बताया कि गुलदस्ते संभवत प्रजनन क्षमता से जुड़े अनुष्ठानों का हिस्सा थे, जो कि स्थानीय लोगों ने सुरंग में किया था। टीम को उम्मीद है कि फूलों की पहचान निर्धारित करके वे अनुष्ठानों के बारे में अधिक जान सकते हैं।Underground City of Egypt: मिस्र के प्राचीन पिरामिड के नीचे 6 किमी तक है फैला रहस्यमय ‘अंडरग्राउंड शहर’हर गुलदस्ते में फूलों की संख्या अलग-अलगटीम ने कुछ हफ्ते पहले ही गुलदस्ते की खोज की थी। प्रत्येक गुलदस्ते में फूलों की संख्या अलग-अलग है। गोमेज-चावेज ने कहा कि एक गुलदस्ता में 40 फूल एक साथ बंधे हैं जबकि दूसरे में 60 फूल हैं। उन्होंने कहा कि जहां गुलदस्ते को रखा गया था वहां पुरातत्वविदों को जली हुई लकड़ी के कई टुकड़ों के साथ एक बड़े अलाव के प्रमाण मिले हैं। ऐसा लगता है कि लोगों ने पहले गुलदस्ते को जमीन पर रख दिया और फिर उन्हें बड़ी मात्रा में लकड़ी से ढक दिया। ऐसा लगता है कि लकड़ी की भारी मात्रा ने गुलदस्ते को अलाव की लपटों से बचा लिया है।सुरंग क्यों बनाई गई? समझ रहे वैज्ञानिकगोमेज-चावेज की टीम जिस सुरंग की खुदाई कर रही है, वह 2003 में मिली थी और इसमें मिट्टी के बर्तनों, मूर्तियों, कोको बीन्स, ओब्सीडियन, जानवरों के अवशेष और यहां तक कि तरल पारा सहित हजारों कलाकृतियां मिली हैं। पुरातत्वविद अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि प्राचीन लोगों ने सुरंग क्यों बनाई और उन्होंने इसका इस्तेमाल कैसे किया। टियाटिहुआकन में कई पिरामिड हैं और लगभग 100 ई.पू. से 600 ईस्वी के बीच फले-फूले।