हाइलाइट्सक्षेत्र में सबसे बड़ा जिहादी संगठन बनना चाहता है इस्लामिक स्टेट- खुरासानहजारा और सिख समुदाय जैसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है आईएस-केतालिबान से असंतुष्ट लड़ाकों को अपने संगठन में जगह देता है आतंकी समूहकाबुलकाबुल एयरपोर्ट पर हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट-खुरासान आखिर क्या चाहता है? अमेरिका के साथ शांति वार्ता में हिस्सा लेने जैसे फैसलों के चलते यह समूह तालिबान के खिलाफ रहता है और अपने संगठन के भीतर ऐसे लड़ाकों को जगह देता है जो तालिबान से असंतुष्ट और अपेक्षाकृत ज्यादा कट्टर होते हैं। बीते दिनों हुए हमले ने यह साबित कर दिया कि आतंकियों का यह गुट कितना खतरनाक है। इसने अफगान नागरिकों से लेकर अमेरिकी सैनिकों और तालिबानी लड़ाकों सभी को निशाना बनाया तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि ISIS-K का उद्देश्य आखिर क्या है?सभी का वर्चस्व खत्म करना चाहता हैइस्लामिक स्टेट-के खुद को क्षेत्र में सबसे बड़े जिहादी संगठन के रूप में स्थापित करना चाहता है। यह अपने से पहले मौजूद संगठनों के वर्चस्व को खत्म कर उनकी विरासत पर कब्जा करना चाहता है। यह समूह अनुभवी जिहादी लड़ाकों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में युवा आबादी से अपने साथ शामिल होने की अपील करता है। इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट की तरह आईएस-के भी विनाशकारी हमलों को अंजाम देने के लिए अपने लड़ाकों का लाभ उठाता है। काबुल एयरपोर्ट हमले में भी समूह ने ‘सुसाइड बॉम्बर’ का इस्तेमाल किया था।देश छोड़ने वाले अफगान करें उड़ानों के शुरू होने का इंतजार, तालिबान ने बताया कैसे निकल पाएंगेसरकारों के प्रति पैदा करना चाहता है संदेहयह समूह अपने हमलों में अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समूहों जैसे हजारा और सिख समुदाय के साथ-साथ पत्रकारों, सहायक कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों और सरकारी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाता है। आईएस-के का टारगेट अन्य समूहों से असंतुष्ट लड़ाकों को अपने संगठन में शामिल करने के लिए अराजकता और अनिश्चितता पैदा करना है। आतंकी समूह किसी भी सत्तारूढ़ सरकार की उसके लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता पर संदेह पैदा करना चाहता है।इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखाआईएसआईस-के मध्य एशिया में इस्लामिक स्टेट का सहयोगी है। 2014 में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पूरे सीरिया और इराक में फैल गए जिसके कुछ महीने बाद 2015 में आईएसआईएस-के की स्थापना हुई। इस संगठन में ‘खुरासान’ दरअसल अफगानिस्तान का एक प्रांत है जो अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के ज्यादातर हिस्से कवर करता है। इसे ISK या ISIS-K के नाम से भी जाना जाता है।इस्लामिक स्टेट-खुरासान