जोहान्सबर्ग: अफ्रीकी यूनियन अब जी20 का नया सदस्य है। शनिवार को जब इस सम्मेलन का आगाज भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इसका ऐलान किया गया। सबकी सहमति से अफ्रीकी यूनियन को जी 20 का सदस्य बनाया गया है। इस नई सदस्यता को भारत की अध्यक्षता में एक ऐतिहासिक कदम करार दिया जा रहा है। अफ्रीकी संघ को संगठन का सदस्य बनाने के लिए पीएम मोदी ने सबकी सहमति ली है।दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरील रम्फोसा सम्मेलन के लिए भारत आए हुए हैं।यूरोपियन यूनियन के बाद जी20भारत में जी 20 शिखर सम्मेलन का पहला सत्र शुरू होने पर पीएम मोदी ने जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के प्रमुख को अपनी सीट लेने के लिए आमंत्रित किया। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के अलावा कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी भी 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं। अफ्रीकी यूनियन के शामिल होते ही अब जी20 का नाम बदलकर जी21 किए जाने की उम्मीद है। अफ्रीकी यूनियन में कुल 55 देश शामिल हैं और जी20 में इसका शामिल होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इसके शामिल होते ही जी20, यूरोपियन संघ के बाद देशों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन गया है।भारत के लिए इसकी अहमियतकोमोरोस जिसके राष्ट्रपति भारत आए हुए हैं, वह वेनिला द्वीप समूह का हिस्सा है। भारत के लिए यह हिंद महासागर के संदर्भ में बहुत ही महत्वपूर्ण है। वेनिला द्वीप, छह देशों का एक समूह है जो साल 2010 में शामिल हुआ था। यह दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर में स्थित है। इसके देश हैं कोमोरोस, मॉरीशस, मैयट, सेशेल्स, मेडागास्कर और रीयूनियन।कब मिलेगी पूरी एंट्रीपिछले दिनों खबरें आई थीं कि G20 शेरपाओं ने तीन दिनों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण मीटिंग में अफ्रीकी यूनियन को शामिल करने पर मंजूरी दी थी। यह बताना महत्वपूर्ण है कि आधिकारिक ऐलान के बाद भी अफ्रीकी संघ की प्रवेश प्रक्रिया में कई महीने लग सकते हैं। माना जा रहा है कि अगले साल जब ब्राजील में इसका आयोजन होगा तो राष्ट्रपति लुइज इनासियो दा सिल्वा की अध्यक्षता में 19वें जी20 सम्मेलन के दौरान यह पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल होगा।क्यों पीएम मोदी ने की वकालतपीएम मोदी ने जी20 अफ्रीकी यूनियन के शामिल होने की पुरजोर वकालत की है। अफ्रीकी यूनियन के सदस्यों के पास सामूहिक रूप से करीब 2.26 खबर डॉलर की जीडीपी है। इस वजह से यह संघ दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है। बाली में हुए जी20 सम्मेलन में रूस और अमेरिका जैसे देशों ने भी अफ्रीकी संघ को शामिल करने के लिए समर्थन किया था। जून में पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से जी20 देशों के नेताओं के सामने पूर्ण सदस्यता देने का विचार रखा।