बीजिंग: भारत में जी-20 से पहले चीन चाल पर चाल चल रहा है। अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने नए नक्शे में दिखाने के बाद अब चीन ने नई चाल चली है। अक्साई चिन में अब चीन अंडरग्राउंड फैसिलिटीज बढ़ाने में लग गया है। यह वह क्षेत्र है जिसके बारे में भारत अक्सर यह दावा करता है कि चीन ने गैरकानूनी तरीके से इस पर कब्जा करके रखा हुआ है। अक्साई चिन में बंकर्स और अंडरग्राउंड निर्माण का मकसद सैन्य संसाधनों को किसी भी हवाई या फिर मिसाइल हमले से बचाना है। भारत की तरफ से चीन के नक्शे का विरोध किया गया है। मगर इस नए घटनाक्रम के बाद एक बार फिर से बवाल बढ़ना तय है।चीन ने जारी किया नया नक्शाचीन ने सोमवार को हर साल होने वाले नेशनल सर्वेइंग एंड मैपिंग प्रमोशन डे के मौके पर नया नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन के अपनी सीमा में दिखाया था। अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज की तरफ से आई सैटेलाइट तस्वीरों से पता लगता है कि चीन की तरफ अक्साई चिन में करीब 15 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में छह स्थानों पर नए बंकरों और भूमिगत सुविधाओं का निर्माण हुआ है। जिस जगह पर निर्माण हुआ है, वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से करीब 70 किमी दूर है। जबकि मई 2020 में चीन के साथ टकराव शुरू होने के बाद क्षेत्र में सैनिकों को तैनात किया गया था। अधिकांश भूमि बंजर थी और कुछ उपकरणों को रखने के लिए कुछ सुविधाओं के अलावा निर्माण गतिविधियां बहुत ही कम थीं।चीन 1949 से ही विस्तारवादी अभियान पर…नए नक्शे पर क्या बोले विशेषज्ञ, अरुणाचल और अक्साई चिन पर जताया हकसन् 1962 के बाद से कब्जासोमवार को जारी किए गए नए नक्शे में अक्साई चिन को दिखाया गया है। चीन ने सन् 1962 की जंग के बाद कब्जा कर लिया था। वहीं, अरुणाचल प्रदेश को चीन दक्षिणी तिब्बत के तौर पर बताता है। इस नक्शे में ताइवान को भी शामिल किया गया है, जिसे चीन अपनी क्षेत्र का हिस्सा मानता है। साथ ही दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से को भी चीन ने अपना हिस्सा करार दिया है। हाल के कुछ सालों में यह तीसरी बार है जब चीन ने पूर्वोत्तर राज्य में जगहों का नाम बदला है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में जी20 कार्यक्रम के आयोजन के बाद से चीन चिढ़ा हुआ है। चीन इस कार्यक्रम से गायब रहा था।क्या बोले जयशंकरचीन के नक्शा विवाद पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘चीन की यह पुरानी आदत है कि वह अपने नक्शे में उन क्षेत्रों को शामिल करता हैं जो बाकी देशों के हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अजीब दावे करने से दूसरे लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते हैं।’ भारत ने चीन के नए नक्शे को खारिज कर दिया है और इस मामले में चीन के साथ कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की है, यह कहते हुए कि चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा मुद्दे के समाधान को जटिल बनाते हैं।