वॉशिंगटन : वैज्ञानिक आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) को इस हद तक एडवांस बनाने में लगे हुए हैं कि इसकी तुलना एक ‘डिजिटल ब्रेन’ से की जा रही है। एक एआई एक्सपर्ट के मुताबिक यह ब्रेन इंसानी दिमाग से भी बेहतर हो सकता है और हमें इससे भयभीत होना चाहिए। डीपएआई के संस्थापक केविन बैरागोना ने चेतावनी दी है कि तेजी से बढ़ते सुपरह्यूमन इंटेलिजेंस सिस्टम एक नए प्रकार के भविष्य की शुरुआत करेंगे और यह ‘आपको डरा देगा’। एक ऐसे व्यक्ति, जिसने अपने जीवन का एक दशक एआई के विकास में लगा दिया, उससे यह सुनना ‘असामान्य’ है कि उस तकनीक को आगे बढ़ने से रोक दिया जाए जिसके विकास में उसने खुद मदद की थी।केविन ने एआई-इंटरकनेक्टेड मशीन लर्निंग टूल्स की तुलना, ‘डिजिटल ब्रेन के विकास’ से की है। उनका कहना है कि जिस तरह हम अभी तक मानव मस्तिष्क को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं, उसी तरह हम उस पॉइंट पर पहुंच सकते हैं जहां हम एआई को नहीं समझ पाएंगे। केविन ने भविष्य के संकट पर कहा, ‘अगर हम कंप्यूटर को इंसानों से ज्यादा स्मार्ट बनाते हैं तो इंसानों के लिए क्या बचा?’ उन्होंने चेतावनी दी कि एआई का तेजी से विकास परमाणु हथियारों से पैदा होने वाले खतरे के बराबर है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाकर पछता रहा हूं… खतरे बताने के लिए ‘AI के गॉडफादर’ ने छोड़ दी गूगल की नौकरी’अगली जंग एआई और इंसानों के बीच होगी’केविन ने कहा कि यह तकनीक बहुत तेजी से विकसित हो रही है और डर यह है कि ये एआई दिमाग जल्द ही ‘मानव से अधिक बुद्धिमान’ स्तर तक पहुंच जाएंगे। ‘क्या हम इससे बच भी सकते हैं?’ द सन ऑनलाइन के साथ बात करते हुए केविन ने कहा, ‘यह पहले से ही ऐसे कई काम कर रहा है जो एक मानव मस्तिष्क कर सकता है।’ उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में दो देशों के बीच युद्ध नहीं होगा बल्कि ‘एआई और मानवता के बीच लड़ाई होगी’।’एआई के गॉडफादर’ की चेतावनीयह पहली बार नहीं है जब एआई के विकास में शामिल किसी वैज्ञानिक ने इसके भविष्य को लेकर चेतावनी दी है। ‘एआई के गॉडफादर’ के रूप में मशहूर ज्योफ्री हिंटन ने कुछ दिनों पहले गूगल की अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। हिंटन ने कहा था कि उन्हें ‘अपने काम पर पछतावा हो रहा है’। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी नौकरी इसलिए छोड़ी ताकि मैं खुलकर एआई के खतरों के बार में बात कर सकूं।’ वह एक दशक से अधिक समय से गूगल के साथ जुड़े हुए थे।