हाइलाइट्सनासा ने चेतावनी दी है कि एक विशाल ऐस्‍टरॉइड बुधवार को धरती के बेहद करीब से गुजरेगाइस ऐस्‍टरॉइड का नाम 2017 AE3 है और यह 75 हजार किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आ रहा हैयह ऐस्‍टरॉइड 353 मीटर चौड़ा है और इसके धरती के 19 लाख मील करीब आने की आशंका हैवॉशिंगटनअमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि एक विशाल ऐस्‍टरॉइड बुधवार को धरती के बेहद करीब से गुजरेगा। नासा के वैज्ञानिक इस ऐस्‍टरॉइड पर नजर बनाए हुए हैं। वैज्ञानिकों ने इस ऐस्‍टरॉइड का नाम 2017 AE3 रखा है और यह 75 हजार किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की कक्षा की तरफ आ रहा है। यह ऐस्‍टरॉइड 353 मीटर चौड़ा है और इसके धरती के 19 लाख मील करीब आने की आशंका है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक यह ऐस्‍टरॉइड अमेरिका के स्‍टैचू ऑफ लिबर्टी से तीन गुना बड़ा है। यह ऐस्‍टरॉइड भले ही 19 लाख मील की दूरी से गुजर रहा हो लेकिन वैज्ञानिकों की मानना है कि यह बहुत कम दूरी है। उन्‍होंने कहा कि अगर यह ऐस्‍टरॉइड अपना रास्‍ता बदलता है और धरती से टकराता है तो यहां पर तबाही आ जाएगी। माना जा रहा है कि ऐस्‍टरॉइड 2017 AE3 बिना किसी खतरे को पैदा किए धरती के पास से गुजर जाएगा। NASA News: पृथ्वी से बड़े Asteroid की टकराने की संभावना अब 10 गुना ज्यादा, वैज्ञानिकों के दावे से दहशतपृथ्वी के करीब से गुजरे हैं दो ऐस्टरॉइडपृथ्वी के इतिहास में सिर्फ दो ऐस्टरॉइड बेहद करीब आए हैं। एक ऐस्टरॉइड 2020 QG, जो दक्षिणी हिंद महासागर के ऊपर सिर्फ 1,830 मील की दूरी पर से गुजरा था। यह इतना छोटा था कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं था। दूसरा ऐस्टरॉइड 2020 VT4 था, जो पिछले साल नवंबर में पृथ्वी से कुछ सौ मील की दूरी से गुजरा था। हालांकि ये ऐस्टरॉइड पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत छोटे हैं। किसी बड़े ऐस्टरॉइड के खतरे के निपटने के लिए वैज्ञानिक तैयारी कर रहे हैं।आखिर क्या होते हैं ऐस्‍टरॉइड ?ऐस्टरॉइड्स वे चट्टानें होती हैं जो किसी ग्रह की तरह ही सूरज के चक्कर काटती हैं लेकिन ये आकार में ग्रहों से काफी छोटी होती हैं। हमारे सोलर सिस्टम में ज्यादातर ऐस्टरॉइड्स मंगल ग्रह और बृहस्पति यानी मार्स और जूपिटर की कक्षा में ऐस्टरॉइड बेल्ट में पाए जाते हैं। इसके अलावा भी ये दूसरे ग्रहों की कक्षा में घूमते रहते हैं और ग्रह के साथ ही सूरज का चक्कर काटते हैं। करीब 4.5 अरब साल पहले जब हमारा सोलर सिस्टम बना था, तब गैस और धूल के ऐसे बादल जो किसी ग्रह का आकार नहीं ले पाए और पीछे छूट गए, वही इन चट्टानों यानी ऐस्टरॉइड्स में तब्दील हो गए। यही वजह है कि इनका आकार भी ग्रहों की तरह गोल नहीं होता। कोई भी दो ऐस्टरॉइड एक जैसे नहीं होते हैं।Asteroid Threat: ऐस्‍टरॉइड से धरती को बचाने की जंग, परमाणु बम से हमला करने तैयारी में अमेरिकी वैज्ञानिक22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की संभावनानासा ने इस खतरनाक ऐस्‍टरॉइड की श्रेणी में रखा है। यह ऐस्‍टरॉइड हाल के दिनों में आने वाले 5 में से तीसरा है। अनुमान है कि यह ऐस्‍टरॉइड दुबई के बुर्ज खलीफा इमारत के आकार का हो सकता है। नासा इन दिनों दो हजार ऐस्‍टरॉइड पर नजर रखे हुए है जो धरती के लिए खतरा बन सकते हैं। अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं। NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।