ढाका: पश्चिमोत्तर बांग्लादेश में अज्ञात बदमाशों ने शनिवार की रात कई हमले कर 14 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। ठाकुरगांव के बलियाडांगी उपजिले में एक हिंदू समुदाय के नेता विद्यानाथ बर्मन ने कहा, ‘अज्ञात लोगों ने रात में हमलों को अंजाम दिया और 14 मंदिरों की मूर्तियों में तोड़फोड़ की।’ उपजिला की पूजा समारोह परिषद के महासचिव बर्मन ने कहा कि कुछ मूर्तियां नष्ट कर दी गईं, जबकि कुछ मंदिर स्थलों के निकट तालाब में पाई गईं। बर्मन ने कहा, ‘अपराधियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है, लेकिन हम चाहते हैं कि उन्हें शीघ्र ही पकड़ा जाये।’हिंदू और मुसलमानों में कोई विवाद नहींहिंदू समुदाय के नेता एवं संघ परिषद के अध्यक्ष समर चटर्जी ने कहा कि इस क्षेत्र को हमेशा अंतर्धार्मिक सद्भाव के क्षेत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि ‘पहले यहां ऐसी कोई जघन्य घटना नहीं हुई थी।’ उन्होंने कहा, ‘(बहुसंख्यक) मुस्लिम समुदाय का हमलोगों (हिंदुओं) से कोई विवाद नहीं है… हम यह नहीं समझ पाये हैं कि इस हमले के पीछे कौन लोग हो सकते हैं।’ बलियाडांगी थाने के प्रभारी अधिकारी खैरुल अनम ने कहा कि हमले शनिवार की रात और रविवार तड़के कई गांवों में हुए।Hindu Temple In Canada: भारतीय मूल के सांसद की कनाडा के पीएम ट्रूडो से अपील, मंदिर पर हमला हिंदूओं के खिलाफ नफरत का सुबूत, नजरअंदाज न करेंएक गंभीर अपराध ठाकुरगांव के पुलिस प्रमुख जहांगीर हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से देश की शांतिपूर्ण स्थिति को बाधित करने के लिए सुनियोजित हमले का मामला प्रतीत होता है।’ उन्होंने कहा कि दोषियों का पता लगाने के लिए पुलिस ने जांच तुरंत शुरू कर दी है। ठाकुरगांव के उपायुक्त या प्रशासनिक प्रमुख महबूबुर रहमान ने कहा, ‘यह मामला शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ एक साजिश सा प्रतीत होता है और …यह एक गंभीर अपराध है।’हिंदुओं ने की घटना की जांच की मांगतपन कुमार घोष जो पूजा परिषद के महासचिव हैं, उन्होंने हरीबसर मंदिर का दौरा किया। यह मंदिर सिंधुरपिंडी इलाके में है। वह शाम करीब चार बजे मंदिर का दौरा करने गए और उन्होंने इस घटना को बेहद तकलीफ देने वाला करार दिया है। उन्होंने इस पूरे मामले में जांच की मांग की है। वहीं बालीदांगी उपजिला परिषद के मोहम्मद अली असलम जेवेल ने कहा कि मंदिर की जिन मूर्तियों को तोड़ा गया है, उन्हें मंदिर की दूसरी तरफ फेंक दिया गया जो कि निंदनीय है। वहीं सिंधुपिंडी इलाके के रहने वाले काशीनाथ सिंह की मानें तो यहां पर बसे हिंदुओं में अब डर का माहौल है।