इस्लामाबादपाकिस्तान में ईशनिंदा का मामला इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा में है। बीते दिनों कट्टरपंथियों की भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक की पाकिस्तान के सियालकोट में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और शव को आग के हवाले कर दिया था। अब पाकिस्तान से एक परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है जो कथित रूप से ईशनिंदा को लेकर पाकिस्तान के हिंसक और अराजक चेहरे को उजागर कर रहा है। यह वीडियो इस्लामाबाद की लाल मस्जिद का बताया जा रहा है।वीडियो पाकिस्तानी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गुल बुखारी ने ट्वीट किया है। वीडियो के साथ उन्होंने दावा किया, ‘इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के छात्र ईशनिंदा के आरोपी व्यक्ति का सिर कलम करने का अभ्यास कर रहे हैं। पाकिस्तान का ‘कामयाब जवान’ (सफल युवा) प्रोजेक्ट अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है।’ वीडियो में सैकड़ों बच्चियां और महिलाएं धार्मिक कपड़ों में नजर आ रही हैं। बच्चियों के सामने महिलाएं तलवार से एक पुतले का सिर कलम करती हुई दिखाई पड़ती हैं।इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर लेकर प्रदर्शन’कामयाब जवान’ पाकिस्तान सरकार की एक योजना है जिसमें युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और जुड़ाव को बढ़ावा देने की बात कही जाती है। वीडियो के दूसरे हिस्से में कई छात्राएं धार्मिक कपड़ों में पंक्तिबद्ध होकर नारे लगा रही हैं। इनमें से एक लड़की के हाथ में एक तस्वीर नजर आ रही है जिसके चेहरे पर कालिख लगी हुई है। ध्यान से देखने पर यह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर मालूम पड़ती है। दरअसल कट्टरपंथियों की ओर से पाकिस्तान से फ्रांस के राजदूत को वापस भेजने की मांग लंबे समय से की जा रही है।Watch: ईशनिंदा में श्रीलंका के नागरिक को जिंदा जलाने वाले पाकिस्तानी हैवानों से मिलिए, तर्क सुनकर दंग रह जाएंगेईशनिंदा के लिए पाकिस्तान में मिल सकती है सजा-ए-मौतइस्लाम को बदनाम करने को लेकर पाकिस्तान में काफी कड़ा कानून है और इसमें मौत की सजा का भी प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन कानूनों का अकसर निजी दुश्मनी साधने में इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिकी सरकार के सलाहकार पैनल की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के किसी भी देश की तुलना में पाकिस्तान में सबसे अधिक ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल होता है।