BRICS Expansion India Vs China: India PM Modi Takes Lead In Forging Consensus On Selection Of New BRICS Members

जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में चल रहे ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्‍स के व‍िस्‍तार का समर्थन करके चीन के दांव को फेल कर दिया। भारत ने ब्रिक्‍स में नए सदस्‍यों के चुनाव और उनके मानदंडों को लेकर आम सहमति बनाने में बढ़त बना ली। यही नहीं भारत को उसके इस प्रयास में दोस्‍त रूस का भी पूरा साथ मिला है। भारत की कोशिश है कि ब्रिक्‍स में हमारे रणनीतिक भागीदार देश जैसे यूएई, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और मिस्र ब्रिक्‍स के नए सदस्‍य बन जाएं। इससे पहले चीन की कोशिश थी कि ब्रिक्‍स को पश्चिमी देशों जी-7 के खिलाफ खड़ा किया जा सके। चीन इसमें अमेरिका व‍िरोधी देशों को शामिल कराना चाहता है।चीन की इस चाल का भारत और ब्राजील दोनों ने ही व‍िरोध किया था। भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि ब्रिक्‍स के व‍िस्‍तार से पहले नए सदस्‍यों की संख्‍या और उनके लिए समुचित मानदंड होना जरूरी है। रूस ने अब भारत के ब्रिक्‍स के विस्‍तार को लेकर रुख का पूरा समर्थन किया है। सूत्रों ने बताया कि रूस ने इस बात का भी समर्थन किया है कि ब्रिक्‍स को क्‍वॉड या जी-7 के खिलाफ नहीं खड़ा किया जाना चाहिए। इससे पहले चीन के राष्‍ट्रपति ने कहा था कि व‍िरोध चाहे कितना भी हो लेकिन ब्रिक्‍स का व‍िस्‍तार नहीं रुकेगा। ब्रिक्‍स में अभी भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्‍य देश हैं।ब्रिक्स का विस्तार नहीं रुकेगा… विरोध पर भड़के चीनी राष्ट्रपति, कहीं भारत तो नहीं था जिनपिंग का निशाना?चीन के राष्‍ट्रपति ने निकाली थी भड़ासजिनपिंग ने यह भी कहा कि चीन के डीएनए में विस्‍तारवाद नहीं है। उन्‍होंने कहा कि ब्रिक्‍स देशों को बहुध्रुवीयता का वास्‍तविक रूप से पालन किया जाना चाहिए। शी ने कहा, ‘हमें वैश्विक शासन को और अधिक न्यायसंगत और समतापूर्ण बनाने के लिए ब्रिक्स परिवार में और भी देशों को शामिल कर समूह का विस्तार करने की प्रक्रिया तेज करने की जरूरत है।’ बता दें कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में ब्रिक्‍स के विस्‍तार का समर्थन किया था। पीएम मोदी ने बुधवार को कहा कि ब्रिक्स के विस्तार का भारत पूरा समर्थन करता है और आम सहमति से इस दिशा में आगे बढ़ने का स्वागत करता है। उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण सहित कई क्षेत्रों में समूह के सदस्य देशों के बीच सहयोग का दायरा और बढ़ाने के लिए पांच सुझाव भी दिए।अधिकारियों के अनुसार, जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) की शिखर बैठक के दौरान मोदी ने समूह से ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार के लिए समयसीमा निर्धारित करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कई बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार करने और ब्रिक्स के प्रस्तावित अंतरिक्ष अन्वेषण समूह का गठन किये जाने का भी समर्थन किया।ब्रिक्‍स में चीनी अधिकारी की गजब बेइज्‍जती, सिक्योरिटी वालों ने रोका, चाहकर भी कुछ न कर सके शी जिनपिंगपीएम मोदी ने किया विस्‍तार का समर्थनशिखर बैठक के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि समूह को ‘भविष्य के लिए तैयार होने में’ प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में विशेषज्ञता साझा करने के लिए भारत की तैयारियों की भी पेशकश की। मोदी ने कहा, ‘भारत, ब्रिक्स की सदस्यता का विस्तार करने का पूरा समर्थन करता है। और इस पर सहमति के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करता है।’ ब्रिक्स का विस्तार समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में एक मुख्य विषय है क्योंकि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अर्जेंटीना सहित 23 देशों ने इसकी सदस्यता के लिए आवेदन किया है।दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि ब्रिक्स देश इसके विस्तार पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि हम इस विषय का एक स्पष्ट समाधान ढूंढ लेंगे क्योंकि हमने इस विषय पर आपस में चर्चा की है।’ वहीं, भारत में सूत्रों ने बताया कि देश समूह में नये देशों को चुनने के लिए आम सहमति बनाने में अग्रणी रहा है और प्रस्तावित विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है। ब्रिक्स के विस्तार के मुद्दे पर मंगलवार शाम ‘लीडर्स रिट्रीट’ में विस्तार से चर्चा हुई।