दुबई : संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) स्थित दुबई दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। इस रेगिस्तानी महानगर की सबसे आकर्षक चीज दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा (Burj Khalifa) है। चमचमाती हुई यह कांच की बिल्डिंग दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है जिसकी लंबाई 830 मीटर ऊंची है। इस बिल्डिंग में हर सुख-सुविधा मौजूद है। लेकिन इस इमारत की एक सबसे बड़ी कमी है और वह है इसका सीवेज सिस्टम (Sewage System)।दुनिया की सबसे लग्जरी बिल्डिंग होने के बावजूद यह दुबई के सीवेज सिस्टम से जुड़ी नहीं हैं। लिहाजा इसके सीवेज को साफ करने का तरीका बेहद पुराना और ‘गंदा’ है। हर रोज गंदगी साफ करने वाले ट्रकों की कतार इस झिलमिलाते आलीशान टॉवर में आती है और इमारत के सीवेज को ट्रकों में भरकर ले जाया जाता है। यहां से इस कचरे को शहर से बाहर ले जाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई सीवेज की व्यवस्था सुनिश्चिति किए बिना एक गगनचुंबी इमारत पर 1.5 अरब डॉलर कैसे खर्च कर सकता है?UAE: दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा पर ऐसे गिरी जोरदार बिजली, सन्‍न रह गए लोगनिर्माण के समय से ही है समस्याजब बुर्ज खलीफा का काम पूरा हुआ तो दुबई 2008 के आर्थिक संकट के प्रभावों से जूझ रहा था। लिहाजा यह फैसला लिया गया कि इसे शहर के पहले से ही गड़बड़ी से जूझ रहे सीवर सिस्टम में जोड़ने की लागत, पैसे की अनावश्यक बर्बादी थी। निर्माताओं को विश्वास था कि सीवर सिस्टम में सुधार करने की तुलना में हर दिन कचरे को बाहर निकालना एक सस्ता विकल्प होगा।एक दिन में निकलता है 15 टन सीवेजहालांकि 35000 लोगों की निवास क्षमता के साथ, इमारत एक दिन में 15 टन सीवेज का चौंका देने वाला उत्पादन करने में सक्षम है। अब सीवेज सिस्टम को फिर से विकसित करने की योजना है लेकिन यह काम 2025 तक पूरा नहीं होगा। इसलिए जब आप बुर्ज खलीफा जाएं तो नारंगी ट्रकों के काफिले पर नजर रखें और जब ये दिखें तो खिड़कियां बंद कर लें।