वॉशिंगटन : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अपने तीसरे स्पेस मिशन, चंद्रयान-3, के लिए तैयार है। न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका से लेकर चीन तक, अंतरिक्ष की तरफ बढ़ने वाला हर देश चंद्रमा पर पैर जमाना चाहता है। चंद्रयान-3 की तैयारियों के बीच यह जानना बेहद अहम है कि आखिर चंद्रमा पर खोज मानव जाति के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? चंद्रमा ने हमेशा हमारी जिज्ञासा को आकर्षित किया है और इसके रहस्यों की खोज से हमारे अपने अस्तित्व के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि चंद्रमा पर खोज इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?चंद्रमा विभिन्न क्षेत्रों में ढेर सारे सवालों के जवाब और अवसर प्रदान करता है। जैसा कि हम जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी से ही बना है, इसलिए यह पृथ्वी के शुरुआती इतिहास के एक भंडार के रूप में कार्य करता है। भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के कारण जो रिकॉर्ड हमारे गतिशील ग्रह से मिट गए हैं, वे चंद्रमा पर संरक्षित हैं। चंद्रमा की खोज से वैज्ञानिकों को पृथ्वी की उत्पत्ति, अर्थ-मून सिस्टम और पृथ्वी के अतीत में ऐस्टरॉइड्स के प्रभाव और संभावित रूप से इसके भविष्य के बारे में जानने को मिल सकता है।जेम्स वेब टेलीस्कोप ने खींची शनि ग्रह की शानदार फोटो, चमकदार छल्ले के साथ दिखे तीन चांदचंद्रमा से मिलता है दूसरी दुनिया का अनुभवइसके अलावा चंद्रमा इंजीनियरिंग से जुड़ी कई चुनौतियां भी पेश करता है। यह वैज्ञानिकों के लिए टेक्नोलॉजी, उड़ान क्षमताओं, जीवन का समर्थन करने वाली प्रणालियों के एक टेस्टिंग ग्राउंड के रूप में काम करता है। नासा के मुताबिक, चंद्रमा पर मौजूदगी हमें दूसरी दुनिया में रहने और काम करने का अनुभव कराती है। इससे हम तापमान और विकिरण की चरम स्थितियों में सामग्रियों और उपकरणों का परीक्षण कर सकते हैं।चंद्रमा पर बिखरे हैं अरबों टन पानी से भरे असंख्य मोती, इंसानों की प्यास बुझा सकता है ‘बेशकीमती खजाना’खुल सकते हैं मंगल के दरवाजेचंद्रमा की खोज नई व्यावसायिक संभावनाएं भी पैदा कर सकती है। सबसे खास बात यह कि चंद्रमा पर बेस का निर्माण अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चंद्रमा से परे दूसरे ग्रहों, जैसे मंगल, के दरवाजे खोल सकता है। इससे हमारे सौर मंडल के भीतर अन्य ग्रहों और उनके चंद्रमाओं पर खोज का मंच तैयार हो सकता है। नासा की रिपोर्ट कहती है, ‘विशाल ब्रह्मांड में जांच और खोज की संभावनाएं अनंत हैं और हमारी खोज का इंतजार कर रही हैं।’