Chandrayaan 3 of India or Russia Luna-25 Who will make first landing on Moon know all क्‍या चांद पर होगी दोस्‍त रूस के साथ भारत की टक्‍कर? चंद्रयान 3 या फिर लूना-25, जानें कौन करेगा पहले लैंडिंग

मॉस्‍को: रूस और भारत दोनों पिछले करीब सात दशकों से पक्‍के दोस्‍त और अब दोनों ही दोस्‍त अपनी दोस्‍ती को चांद तक लेकर जा रहे हैं। जी हां, जहां भारत का लूनर मिशन चंद्रयान-3 चांद से कुछ ही दूरी पर है तो वहीं रूस 11 अगस्‍त का अपना मिशन लूना-25 लॉन्‍च करने की तैयारी कर चुका है। भारत का दोस्‍त करीब 50 साल के बाद चांद पर जाने को तैयार है। ऐसे में हर किसी के मन में बस यही सवाल आ रहा है कि चंद्रयान-3 या फिर लूना-25 चांद के रास्‍ते पर बाजी कौन मारेगा और किसके कदम चंद्रमा के सबसे मुश्किल हिस्‍से दक्षिणी ध्रुव पर पहले पड़ेंगे?रूस का मिशन शुक्रवार को होगा लॉन्‍चरूस ने सन् 1976 में अपना आखिर लूनर मिशन लॉन्‍च किया था। 47 साल बाद शुक्रवार को यह अपना पहला लूनर लैंडर चांद की तरफ रवाना करेगा। यह मिशन ऐसे समय पर लॉन्‍च होगा जब भारत का चंद्रयान-3 चांद पर लैंडिंग से बस कुछ ही दिन दूर होगा। ऐसे में सवाल है कि चंद्रमा की सतह पर उनके उतरने की लूना-25 की समयसीमा क्‍या चंद्रयान-3 से मैच होगी? इसका जवाब भारतीय अंतरिक्ष संस्‍था इसरो की तरफ से दिया गया है। इसरो ने बताया है कि चंद्रयान बुधवार को चांद की सतह के करीब पहुंच गया है। इसरो का चंद्रयान -3 की कक्षा 174 किमी x 1437 किमी तक कम हो गई है। अब 14 अगस्‍त को एक पड़ाव होगा।भारत के बाद अब दोस्‍त रूस भेजेगा अपना ‘चंद्रयान’, खाली कराएगा गांव, जानें क्‍या है लूना-25 मिशनकिसकी होगी पहले लैंडिंगरूस की राजधानी मॉस्को से करीब छह हजार किलोमीटर दूर पूर्व में वोस्तोचन कॉस्मोड्रोम से लॉन्‍च होने के बाद इसे चांद तक पहुंचेन में करीब चार हफ्ते लगेंगे। वहीं, चंद्रयान-3, 23 अगस्त को साउथ पोल पर लैंडिंग कर सकता है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि उसके लूना-25 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर उड़ान भरने में पांच दिन लगेंगे और फिर ध्रुव के पास तीन संभावित लैंडिंग स्थलों में से एक पर उतरने से पहले लूना-25 चांद की कक्षा में पांच से सात दिन बिताएगा।रोस्कोस्मोस की मानें तो लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों मिशन एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आएंगे। एजेंसी के मुताबिक दोनों मिशन में लैंडिंग के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की योजना है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्‍कोमॉस के मुताबिक ऐसा कोई खतरा नहीं है कि दोनों मिशन एक-दूसरे से टकराएंगे या फिर हस्‍तक्षेप करें। चांद पर सभी के लिए पर्याप्त जगह है।रूस ने चांद पर गड़ाई नजर, लूना 25 से दोस्‍त भारत के चंद्रयान-3 को दे सकता है मात, समझें पूरा मामलासबसे मुश्किल इलाके में लैंडिंगचंद्रमा का साउथ पोल एक उबड़-खाबड़ वाला इलाका है और लैंडिंग को बहुत मुश्किल बना देता है। यह कई रहस्‍यों से भरा है मगर काफी बेशकीमती डेस्टिनेशन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पर महत्वपूर्ण मात्रा में बर्फ हो सकती है जिसका प्रयोग ईंधन और ऑक्सीजन निकालने के साथ-साथ पीने के पानी के लिए भी किया जा सकता है।कौन रहेगा चांद पर कब तकभारत का चंद्रयान-3 दो हफ्ते तक प्रयोग करेगा जबकि जबकि लूना-25 एक साल तक के लिए वहां पर रुकेगा। लूना-25 अपने साथ 31 किलोग्राम वजन वाले वैज्ञानिक उपकरण भी लेकर जा रहा है। वह चांद पर जमे हुए पानी की मौजूदगी का टेस्‍ट करेगा। साथ ही चट्टान की छह इंच की गहराई से नमूने इकट्ठे करेगा। यह नमूने मानव जीवन के बारे में काफी कुछ बता सकते हैं। लूना-25 को पहले अक्‍टूबर 2021 में लॉन्‍च होना था। लेकिन इसमें देरी हो गई।