ताइपे: अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन से चीन बुरी तरह से बौखला गया है। चीन की सेना ने ताइवान के चारों ओर हवा और समुद्र में गश्त तथा सैन्य अभ्यास शुरू किया है। चीन की सेना के पूर्वी थिएटर कमांड के प्रवक्ता ने कहा कि इस गश्त और अभ्यास का उद्देश्य युद्धपोतों एवं फाइटर जेट के बीच समन्वय का प्रशिक्षण देना है। साथ ही हवाई और समुद्री इलाके पर कब्जा करना की क्षमता को बढ़ाना है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं का कैंप डेविड में जोरदार स्वागत किया था। इससे चीन बुरी तरह से चिढ़ा हुआ है।चीनी प्रवक्ता शी ने कहा कि अभ्यास से चीनी सेना की ‘वास्तविक युद्ध स्थितियों में लड़ने की क्षमता’ का परीक्षण होगा। शी ने कहा, ‘गश्त और अभ्यास ताइवान स्वतंत्रता अलगाववादियों के विदेशी तत्वों के साथ मिलकर काम करने के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी देते हैं।’ दरअसल, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी स्व-शासित, लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान को अपना क्षेत्र मानती है, हालांकि ड्रैगन ने इसे कभी भी नियंत्रित नहीं किया है। चीन ने यदि आवश्यक हुआ तो ताकत के बल पर ताइवान पर कब्जा करने की कसम खाई है।US Japan Missile: जापान के साथ हाइपरसोनिक मिसाइल इंटरसेप्टर बनाएगा अमेरिका, निशाने पर कौन- चीन या उत्तर कोरिया?चीन पर भड़का ताइवानचीन ने यह गश्त और अभ्यास ऐसे समय पर शुरू किया है जब एक सप्ताह पहले चीन के विदेश मंत्री ने ताइवान के उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विलियम लाई को अमेरिका से होकर गुजरने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। ताइवानी नेता पराग्वे के लिए जा रहे थे जो ताइवान का दक्षिण अमेरिका में एकमात्र राजनयिक सहयोगी देश है। चीन ताइवान के नेताओं की अमेरिका की यात्राओं को अपने क्षेत्रीय दावों को कमजोर करने की चाल के रूप में देखता है। चीन के सैन्य अभ्यास भी उस समय हो रहे हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं की मेजबानी कर रहे हैं, जो एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन है।शुक्रवार को बैठक करते हुए, तीनों नेताओं ने सैन्य और आर्थिक सहयोग को गहरा करने और चीन के “खतरनाक और आक्रामक व्यवहार” की निंदा करने पर सहमति व्यक्त की। शनिवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन की निंदा की, जिसमें कहा गया था कि यह ‘अतार्किक और उकसाने वाला व्यवहार’ है। ताइवानी मंत्रालय ने कहा कि वह “ताइवान के लोकतंत्र और संप्रभुता की रक्षा के लिए” सैनिकों को भेजेगा। इस तरह के सैन्य अभ्यास चीन के सैन्यवादी मानसिकता को उजागर करता है।Taiwan Missile: ताइवान की महाशक्तिशाली मिसाइल को तगड़ा झटका, टेस्ट के दौरान हवा में फटी, मची खलबलीताइवान पर दावा करता है चीनताइवान एक स्व-शासित द्वीप है जो चीन के तट से 100 मील से भी कम दूरी पर स्थित है। चीन ने ताइवान को अपने ही देश का हिस्सा माना है और 1949 से ताइवान पर कब्जा करने की धमकी दी है। उस समय गृहयुद्ध के बाद चीन के कम्युनिस्टों ने चीन की मुख्य भूमि पर नियंत्रण कर लिया था। ताइवान ने खुद को एक स्वतंत्र देश के रूप में घोषित किया है और इसे 15 से अधिक देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है। अमेरिका ने ताइवान को हथियार बेचे हैं और रक्षा सहयोग बढ़ाया है।