काठमांडू: चीन ने नेपाल को अपने पाले में लाने के लिए एक और चाल चली है। भारत के बढ़ते साफ्ट पावर से परेशान चीन ने भारत के पड़ोसी देश नेपाल और आसियान के दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में ‘सिल्क रोडस्टर’ प्रॉजेक्ट को लॉन्च किया है। यह प्रॉजेक्ट चीन के बेल्ट एंड रोड परियोजना का हिस्सा है जिससे अभी हाल ही में इटली ने किनारा किया है। शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्ट बीआरआई के 10 साल पूरे होने पर चीन ने इस परियोजना को लॉन्च किया है। चीन अब नेपाल के जरिए दक्षिण पूर्वी एशियाई और दक्षिण एशियाई देशों के साथ सहयोग के नए रास्ते तलाश रहा है जहां भारत का रणनीतिक हित बेहद अहम है।काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक सिल्क रोडस्टर प्लेटफार्म के तहत कई नए प्रॉजेक्ट को शुरू किया जा रहा है। चीन इन प्रॉजेक्ट को विभिन्न नेपाली दलों और सामाजिक संगठनों के जरिए पूरा करना चाहता है। चीन का दावा है कि सिल्क रोडस्टर प्लेटफार्म को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि व्यवहारिक सहयोग और लोगों के बीच आदान प्रदान को बढ़ाया जा सके। इसमें चीन में मौजूद स्थानीय सरकारों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों के संसाधनों के साथ समन्वय किया जाना है।इटली ने BRI से किया किनारा, चीन ने सीपीईसी पर लगाया दांव, जिनपिंग ने ‘गुलाम’ पाकिस्तान को पुचकाराचीन और नेपाल में बीआरआई पर विवादइसके तहत चीन की कोशिश है कि स्किल ट्रेनिंग, पढ़ाई और लोगों को कुछ समय के लिए आने की अनुमति देकर अपने प्रभाव को बढ़ाया जाए। इसके अलावा युवाओं को जोड़ने और उन्हें चीनी संस्कृति से परिचय कराने की कोशिश की जाएगी। चीन और दक्षिण एशियाई देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाया जाएगा। चीन इस नीति के जरिए अपनी परंपरागत बीआरआई नीति से पीछे हटकर पूरे क्षेत्र में साफ्ट पावर कूटनीति को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है।नेपाल ने साल 2017 में बीआरआई पर हस्ताक्षर किया था लेकिन अभी तक इस परियोजना के तहत एक भी प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो सका है। इससे चीन बुरी तरह से नेपाल सरकार पर भड़का हुआ है। पिछले दिनों पोखरा एयरपोर्ट को लेकर चीन और नेपाल के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया था। चीन का दावा था कि यह बीआरआई का हिस्सा है, वहीं नेपाल के विदेश मंत्री ने संसद में बयान देकर कहा कि अभी तक देश में बीआरआई का एक भी प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हुआ है।भारत के विरोध के बावजूद CPEC को आगे बढ़ाएंगे चीन-पाकिस्तान, जिनपिंग के दूत ने किया बड़ा ऐलानचीन के कर्ज के तले दब रहा नेपालइससे चीन के दावे की पोल खुल गई थी। नेपाल को अब सबसे ज्यादा लोन देने वाला देश चीन बन गया है। चीन की योजना बीआरआई के तहत नेपाल तक रेल दौड़ाने की है। हालांकि इसमें आने वाले अरबों डॉलर के खर्च से नेपाल सहमा हुआ है। चीन ने पोखरा एयरपोर्ट के लिए नेपाल को 21 करोड़ डॉलर का लोन दिया है जो काफी ज्यादा ब्याज दर पर है और इस एयरपोर्ट से उसे कोई कमाई नहीं हो रही है। इससे नेपाल के श्रीलंका की तरह से चीन के कर्ज जाल में फंसने का खतरा पैदा हो गया है।