पेइचिंगचीन की वुहान स्थित हुनान मीट मार्केट बीते दो सालों से विवादों में है। दुनिया में कोरोना का पहला मामला यहीं सामने आया था। पहले कहा गया कि यह वायरस चमगादड़ खाने से फैला है। इस थ्योरी ने चीन के मीट व्यापार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया। यह बात सच है कि चीन एक ऐसा देश है जहां कई प्रतिबंधों के बाद भी चमगादड़ से लेकर कुत्ते के मांस का व्यापार धड़ल्ले से किया जाता है।मांस व्यापार के लिए कुत्तों के साथ बर्बरता का अब एक और मामला सामने आया है। द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक संगठन ने मीट व्यापार के लिए बेचे गए कई कुत्तों को एक गोदाम से भयंकर गंदगी के बीच से रेक्स्यू किया है। इनमें एक गर्भवती कुतिया रूबी भी शामिल थी जिसके आठ पिल्लों ने कुपोषण के चलते एक के बाद एक करके दम तोड़ दिया। चीन में जानवरों के साथ क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मीट मार्केट में बेचने के लिए कसाई इन्हें जिंदा ही उबालने वाले थे।विंटर ओलंपिक की दहलीज पर खड़ा चीन और ‘आधी दुनिया’ नाराज, क्या होगा ड्रैगन का अगला कदम?भाग न सकें इसलिए काट दिया पंजाइतना ही नहीं, कुत्तों को भागने से रोकने के लिए इनका एक पंजा काट दिया गया था। NoToDogMeat नाम के संगठन ने कुत्तों का रेस्क्यू किया है और गर्भवती कुतिया की स्थिति की जानकारी दी है। लंदन की इस चैरिटी की सीईओ जूलिया डी कैडेट ने बताया कि रूबी के छोटे आकार और लंबे समय तक भूखे रहने के चलते उसे एक इमरजेंसी सीज़ेरियन की आवश्यकता थी। लेकिन जल्द ही बेचारी डिस्टोसिया से पीड़ित हो गई और फिर आठ पिल्लों की मां बन गई।हर साल मार दिए जाते हैं 1 से 2 करोड़ कुत्तेउसका शरीर आठ पिल्लों को संभालने के लिए बहुत छोटा था। उन्होंने बताया कि जन्म के वक्त पिल्लों की स्थिति अच्छी नहीं थी। जैसे-जैसे दिन बीतते गए एक के बाद एक पिल्ला हमें छोड़कर चला गया। वे इसलिए मर गए क्योंकि उनकी गर्भवती मां को सही इलाज नहीं मिला और उसके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया।ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल का अनुमान है कि चीन में हर साल 1 से 2 करोड़ कुत्ते मारे जाते हैं। यहां एक व्यस्क कुत्ता सूप या स्टू में पकाने के लिए 100 पाउंड (करीब 10 हजार रुपए) में बेचा जाता है।