मनिला: दक्षिण चीन सागर में आसियान देशों के साथ अभ्यास कर रहे भारतीय युद्धपोत और चीन के तटरक्षक बल के जहाज अचानक से आमने- सामने आ गए हैं। दोनों ही पक्षों के जहाजों के बीच दूरी मात्र 70 किमी की है। फिलीपीन्स की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना और आसियान देशों के युद्धपोत दक्षिण चीन सागर में अभ्यास कर रहे थे। इस बीच चीनी तटरक्षक बल के जहाज अचानक से अपना रास्ता बदलकर उस जगह पर पहुंच गए जहां भारत और आसियान का संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा था। इस अभ्यास में फिलीपीन्स, सिंगापुर, भारत, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड और वियतनाम की नौसेनाएं हिस्सा ले रही थीं।भारत और आसियान देशों का यह अभ्यास 2 मई को शुरू हुआ था और 8 मई यानि आज तक चलना है। फिलस्टार ग्लोबल की रिपोर्ट में दक्षिण चीन सागर के विशेषज्ञ रे पॉवेल के हवाले से कहा गया है कि चीनी मिलिशिया के जहाजों के पहले दल ने रविवार शाम को अपना रास्ता बदला और वे आसियान देशों के युद्धपोत की ओर बढ़ गए। अमेरिकी एयरफोर्स में काम कर चुके पोवेल ने कहा, ‘चीनी जहाज बहुत ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं और यह देखना होगा कि क्या वे अपने रास्ते पर बने रहेंगे या नहीं।’इसके बाद चीनी युद्धपोतों का एक और दल जमोरा रीफ की ओर सोमवार को रवाना हो गया और आसियान देशों के युद्धपोतों की ओर रवाना हो गया जो उस इलाके में अभ्यास कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी जहाज अभी भी आसियान देशों की नौसेना से 70 किमी दूर हैं। पोवेल ने कहा, ‘मेरा अनुमान है कि वहां पर भारत और आसियान देश जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे चीन खुश नहीं है। आसियान देश दक्षिण चीन सागर के उस इलाके में युद्धाभ्यास कर रहे हैं जिस पर चीन अपना दावा करता है।’पोवेल ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यह आसियान देशों और भारत को संदेश देना है कि यह चीन का समुद्री इलाका है और बीजिंग इस इलाके में रहने पर उनकी निगरानी करने जा रहा है।’ चीन का दावा है कि दक्षिण चीन सागर उसका इलाका है। चीन के इस दावे से वह फिलीपीन्स विशेष आर्थिक क्षेत्र में घुसपैठ कर जाता है। चीन के नाइन डैश लाइन के दावे से उसकी सीमा ब्रुनेई, वियतनाम, इंडानेशिया और मलेशिया की समुद्री सीमा से मिलती है।सिंगापुर और भारत की नौसेना पहली बार इस युद्धाभ्यास में सह आयोजक हैं। इस बीच सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि समुद्र में होने वाला यह अभ्यास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में होने जा रहा है जो फिलीपीन्स का ट्रांजिट रूट है। इस अभ्यास में 9 युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपीन्स की नौसेना के 6 विमान भी हिस्सा ले रहे हैं। आसियान और भारत के कुल 1800 सैन्यकर्मी इस अभ्यास में शामिल हैं। पोवेल ने कहा कि मैं नहीं समझता हूं कि चीनी युद्धपोत ऐसा कुछ करेंगे जो खतरनाक हो। आसियान के 6 युद्धपोत हैं, वहीं चीनी मिलिशिया के जहाज युद्धपोत नहीं हैं लेकिन वे मछली पकड़ने वाले या फिलीपीन्स के तटरक्षक बल के छोटे जहाज के लिए बहुत खतरनाक हैं।