हाइलाइट्ससीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर चीन के रक्षा मंत्रालय का बयानजनरल बिपिन रावत के निधन पर चीनी मंत्रालय ने जताया शोक और सहानुभूतिग्लोबल टाइम्स ने एक दिन पहले जनरल रावत के निधन पर उगला था जहरपेइचिंगचीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शर्मनाक बयानबाजी की थी। अब उसके रक्षा मंत्री ने हेलिकॉप्टर क्रैश में जनरल रावत के निधन पर शोक जताया है और सहानुभूति जाहिर की है। एक ओर चीन के रक्षा मंत्री घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं तो वहीं बीते दिनों ग्लोबल टाइम्स ने जनरल रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश को भारतीय सेना की गलती बताया था। चीनी सरकार के भोंपू ने शोक व्यक्त करने के बजाय भारत से पहले सीडीएस को ‘चीन विरोधी’ करार दिया था।शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में ग्लोबल टाइम्स ने बताया, ‘चीन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद सहानुभूति जताई और शोक व्यक्त किया।’ यह ट्वीट शुक्रवार रात का है और ऐसे समय पर आया है जब शुक्रवार को ही ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगला था। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया कि रावत के निधन से भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के मिशन को भारी झटका लगा है।ग्लोबल टाइम्स ने जनरल रावत को कहा ‘चीन विरोधी’ग्लोबल टाइम्स ने जहर उगलते हुए लिखा कि बुधवार को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में भारत के रक्षा प्रमुख की मौत ने न केवल भारतीय सेना के अनुशासन और युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर किया, बल्कि देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका दिया। अखबार ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा कि चीन विरोधी शीर्ष रक्षा अधिकारी के चले जाने के बावजूद दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन के प्रति भारत के आक्रामक रुख में बदलाव की संभावना नहीं है।लद्दाख में दम तोड़ रहे चीनी कमांडर, जनरल बिपिन रावत के निधन पर ग्‍लोबल टाइम्‍स ने उगला जहरभारतीय सेना पर मढ़े आरोपग्लोबल टाइम्स ने विश्लेषकों के हवाला देते हुए दावा किया कि दुर्घटना के सभी संभावित कारण रूसी मूल के हेलीकॉप्टर के बजाय मानवीय कारकों की ओर इशारा करते हैं। वेई डोंगक्सू ने यह भी कहा कि हालांकि, भारतीय सेना कई प्रकार के हेलिकॉप्टरों का संचालन करती है, जिनमें घरेलू रूप से विकसित हेलिकॉप्टर, दूसरे देशों से ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से भारत में बनाए गए हेलिकॉप्टर, अमेरिका और रूस से खरीदे गए हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इस कारण हेलिकॉप्टर में लॉजिस्टिक सपोर्ट और मेंटिनेंस की समस्या होगी।