China Russia Iran: ओमान की खाड़ी में रूस, चीन और ईरान का बड़ा युद्धाभ्‍यास, इजरायल के लिए क्‍यों है चिंता की वजह – china iran and russia are coming together for a joint drill in gulf of oman big worry for israel

तेल अवीव: ईरान और सऊदी अरब के बीच डील के सदमे से इजरायल उबरा भी नहीं था कि एक और खबर ने उसे चोट पहुंचा दी है। चीन, ईरान और रूस ने तय किया है कि उनकी नौसेनाएं ओमान की खाड़ी में इस हफ्ते एक ज्‍वॉइन्‍ट ड्रिल को अंजाम देंगी। चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। इस अभ्‍यास को ‘सिक्‍योरिटी बॉन्‍ड 2023’ नाम दिया गया है। चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई और जानकारी नहीं दी गई है। इस अभ्‍यास में ईरान, रूस और चीन के अलावा पाकिस्‍तान, ओमान, और संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) भी हिस्‍सा ले रहे हैं। जिस जगह पर यह अभ्‍यास होगा वह एकदम फारस की खाड़ी के सामने है।क्‍यों परेशान है इजरायलइजरायल ने पिछले ही महीने ईरान पर आरोप लगाया था कि उसके एक ड्रोन ने ओमान के तट पर एक ऑयल टैंकर को निशाना बनाया है। इजरायल ने इस भड़काने वाला कदम करार दिया था। चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि इस अभ्‍यास का मकसद उन देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाना है जो इसमें शामिल हो रहे हैं। चीन की मानें तो यह अभ्‍यास क्षेत्र में सकारात्‍मक ऊर्जा को बढ़ाएगा जिससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। यह अभ्‍यास रविवार तक चलेगा। माना जा रहा है कि न सिर्फ इजरायल बल्कि अमेरिका के साथ भी चीन का तनाव बढ़ सकता है। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ेगी टेंशनचीन की तरफ से इस ड्रिल को ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब उसने यूक्रेन में रूस की तरफ से जारी हमलों की आलोचना करने से इनकार कर दिया है। अमेरिका और उसके साथियों ने न केवल रूस की आलोचना की बल्कि उस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। इस अभ्‍यास के लिए चीन की तरफ से गाइडेड मिसाइल डेस्‍ट्रॉयर नानिंग भेजा गया है। यह डेस्‍ट्रॉयर समंदर में सर्च एंड रेस्‍क्‍यू के अलावा दूसरे गैर-युद्धक मिशन को अंजाम देगा। तीनों देशों ने साल 2019 में भी इस तरह की एक ड्रिल की थी। अमेरिका और इसके साथियों ने हमेशा से ही इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलंदाजी को लेकर चिंता जताई है। अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्‍तेचीन इस क्षेत्र में उन देशों के करीब हो रहा है जिन्‍हें अमेरिका की तरफ से किनारे कर दिया गया है। पिछले ही हफ्ते चीन की वजह से सऊदी अरब और ईरान के बीच एक समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद दोनों देश सात साल की दुश्‍मनी को भुलाकर साथ आने को तैयार हुए हैं। सऊदी अरब और अमेरिका के र‍िश्‍ते साल 2018 से ही बिगड़े हैं जब जर्नलिस्‍ट जमाल खाशोगी की हत्‍या हुई थी।