वॉशिंगटन: शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि चीन का जो एक सर्विलांस गुब्बारा संवेदनशील बैलेस्टिक मिसाइल साइट के ऊपर उड़ता हुआ देखा गया है, हो सकता है उसे एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी की तरफ से गाइड किया जा रहा हो। लैटिन अमेरिका में एक और चीनी जासूसी गुब्बारा देखा गया। यह गुब्बारा यहां से सेंट्रल अमेरिका की तरफ उड़ गया। इस मामले से चीन ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि वह कोई गुब्बारा नहीं है बल्कि एक नागरिक जहाज है जिसे रिसर्च के लिए भेजा गया। चीन ने इस घटना पर खेद भी जताया। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर चीन को ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी। मोंटाना में पहला जासूसी गुब्बारा देखा गया था और यह जगह मिसाइल टेस्टिंग की साइट है। 341वां मिसाइल विंग मोंटाना में अमेरिका का 341वां मिसाइल विंग है जो कि मैलमस्ट्रॉर्म एयरफोर्स बेस पर है। इस विंग पर 150 लॉन्च फैसिलिटीज की जिम्मेदारी है। अमेरिका की तरफ से चलाया जा रहा यह एक एतिहासिक और जटिल प्रोग्राम है जो राष्ट्रीय सुरक्षा हित से जुड़ा है। अब ऐसे में कई लोग इस बात की आशंका जता रहे हैं कि इसी वजह से चीनी का जासूसी जहाज मोंटाना पहुंचा है। लुईसटाउन से अमेरिकी सांसद डैन बारटेल ने कहा कि उन्हें अब यह जवाब चाहिए कि आखिर यह गुब्बारा यहां पर क्या कर रहा था।US China Spy Balloon: चीन ने जासूसी गुब्बारे को बताया नागरिक प्लेन, कभी अमेरिका रखता था दुश्मन पर नजर, आज मचा रहा है इतना शोरअपग्रेड होनी हैं कई मिसाइलें पेंटागन ने इस पूरे इलाके को क्रिटिकल जोन माना है। जिस समय यह घटना हुई उस समय पेंटागन की तरफ पूरे राज्य में मौजूद परमाणु मिसाइलों की ओवरहॉलिंग की योजना बनाई जा रही थी। मिसाइलों को साल 2025 में अपग्रेड किया जाना था लेकिन अब यह काम पहले किया जाएगा। एयरफोर्स के साथ मिसाइलों को अपग्रेड करने पर किसी ने कोई चर्चा नहीं की थी। यह मिसाइल साइट करीब 13800 स्क्वॉयर मील पर फैली है। यह जगह कैस्केड, चाउटेउ, फर्गस, जूडिथ बेसिन, लुईस और क्लार्क, मेघेर, टेटन और व्हीटलैंड जैसे आठ गांवों को कवर करती है। इस प्रोजेक्ट के तहत पुरानी हो चुकी मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम को हटाया जाएगा।China Vs US Spy Balloon: मिनटमैन मिसाइल, परमाणु बम… अमेरिका में क्या ढूढ़ रहा चीन का जासूसी गुब्बारा, दोनों महाशक्तियों में तनावचीन की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जासूसी गुब्बारों में महारत रखने वाले विलियम किम जो मैराथन इनीशिएटिव थिंकटैंक से जुड़े हैं, उनका कहना है कि गुब्बारे काफी मूल्यवान होते हैं और ये हर चीज की बारीक जानकारी जुटाते हैं। साथ ही इन्हें शूट डाउन करना भी काफी मुश्किल होता है। किम की मानें तो पहला चीनी गुब्बारा भले ही मौसमी गुब्बारा नजर आता हो लेकिन इसकी अपनी खासियतें हैं। वह गुब्बारा काफी बड़ा था और साफ पता चल रहा था कि उसमें गाइडेंस के लिए इलेक्ट्रानिक मौजूद थे। साथ ही इसमें जानकारी जुटाने वाली डिवाइसेज भी थीं जो सोलर पैनल्स से ऑपरेट होती हैं। उनकी मानें तो जिन टेक्नोलॉजी को अमेरिकी मिलिट्री ने होल्ड पर रख दिया है चीन अब उनका ही प्रयोग करने लगा है।