China suspends publishing youth unemployment after record high users react on social media चीन में बेरोजगारी ने बनाया नया रिकॉर्ड, आंकड़ों पर लगी रोक, जनता बोली, मुंह छिपाने से सच नहीं बदलता

बीजिंग: चीन में सबकुछ ठीक नहीं है। कम से कम जो जानकारी इस समय आ रही है, उससे तो यही लगता है। सेंसरशिप इस देश में हमेशा से बड़ा विषय रही है और एक बार फिर यह देश में हावी होती नजर आ रही है। चीन ने बेरोजगारी के आंकड़ों को जारी करने से रोक दिया है। माना जा रहा है बढ़ती बेरोजगारी ने देश की रफ्तार पर रोक लगा दी है। पहले से ही घटती जनसंख्‍या से परेशान चीन अब बेरोजगारी की वजह से भी चिंतित है। सरकार के प्रवक्‍ता की तरफ से एक बयान जारी कर नए फैसले की पुष्टि की गई है।क्‍या है सरकार का तर्कचीन के राष्‍ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने कहा है कि इस महीने अब बेरोजगारी डेटा को जारी नहीं करेगा। उसका कहना है कि वह इस बात पर फिर से विचार करेगा कि बेरोजगारी दर को किस तरह से मापा जाए। जून में 16 से 24 वर्ष की आयु के शहरी श्रमिकों की बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 21.3 फीसदी पर पहुंच गई। जुलाई में कुल बेरोजगारी 5.3 फीसदी थी, जो जून से 0.1 प्रतिशत अंक अधिक थी। एनबीएस के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा है कि रोजगार की स्थिति आम तौर पर स्थिर है। विशेषज्ञों की मानें तो चीन में जो कुछ हो रहा है या फिर जो खबरें वहां से आ रही हैं, उससे तो यही पता लगता है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीक नहीं है।साल 2018 से जारी हो रहे आंकड़ेंलिंगहुई ने कहा है कि अर्थव्यवस्था और समाज में लगातार बदलाव आ रहा है। ऐसे में सांख्यिकीय के काम को भी तुरंत सुधारना होगा। फू ने संकेत दिया है कि साल 16 से 24 वर्ष की आयु के छात्रों की संख्या में वृद्धि ने बेरोजगारी के आंकड़ों को प्रभावित किया है। लेकिन चीन ने कभी भी कॉलेज जाने वाले या फिर अंडर-ग्रेजुएट्स छात्रों को बेरोजगार नहीं माना जा है। चीन ने साल 2018 से युवा बेरोजगारी के आंकड़े प्रकाशित करना शुरू किया। अभी चीन की तरफ से गांवों में रोजगार की स्थिति पर कोई भी डेटा जारी नहीं होता है।सोशल मीडिया पर आलोचनाबेरोजगारी के आंकड़ों पर रोक लगान का सरकारी फैसला तुरंत चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर ट्रेंड करने लगा। एक यूजर ने कहा, ‘अपना मुंह छिपाने से और आंखें बंद करने से क्या सच में समस्याएं खत्‍म हो जाएंगी? लचीले, धीमे और मुक्‍त रोजगार के साथ, सिर्फ एक घंटे काम करने का मतलब है कि आप बेरोजगार नहीं हैं। सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से आए आंकड़ों को गंभीरता से मत लीजिए।’ एक और पोस्‍ट में एक यूजर ने व्‍यंग्‍यात्‍मक लहजे में कहा, ‘जब तक मैं इसकी घोषणा नहीं करता, तब तक कोई भी बेरोजगार नहीं है।’ बेरोजगारी के आंकड़ों से जुड़ी यह घोषणा तब हुई है जब देश में महामारी के बाद आर्थिक सुधार बहुत ही धीमा है।