कैलिफोर्निया: ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने बुधवार को अमेरिकी सदन के स्पीकर केविन मैकार्थी से मुलाकात की है। इस मीटिंग के साथ ही चीन का पारा सांतवें आसमान पर पहुंचने की पूरी आशंका है। चीन ने इस मुलाकात को लेकर ताइवान और अमेरिका को धमकी दी थी। साफ हो गया है कि ताइवानी राष्ट्रपति ने चीन की धमकी को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। लॉस एंजिल्स में हुई इस मुलाकात को प्रतिकात्मक मीटिंग माना जा रहा है। ताइवानी राष्ट्रपति अमेरिका के दौरे के बाद अब लैटिन अमेरिका के दौरे पर जा रही हैं। ऐसे में यह मुलाकात स्टॉपओवर के दौरान हुई है। मैकार्थी को दी थी धमकीचीन, ताइवान पर अपना हक जताता है। साथ ही वह किसी भी देश के ताइवान के साथ आधिकारिक संपर्क को पसंद नहीं करता है। चीन की तरफ से मैकार्थी को धमकी दी गई थी। कैलिफोर्निया के रहने वाले मैकार्थी अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दूसरे नंबर के दावेदार हैं। चीन ने उन्हें धमकाया था और कहा था कि ताइवान की राष्ट्रपति से मुलाकात करके वह आगे से खेल रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था, ‘चीन साई इंग वेन के अपनी सीमा से गुजरने के लिए और अमेरिकी सदन के स्पीकर केविन मैकार्थी के साथ उनकी मुलाकात का कड़ा विरोश करता है। यह वन चाइना सिद्धांत, तीसरे चीन-अमेरिका साझा विज्ञप्ति और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का गंभीर उल्लंघन है।China Taiwan War: ताइवान को चाहिए यूक्रेन युद्ध का ब्रह्मास्त्र, रूसी टैंकों का बना दिया था कब्रिस्तानअमेरिका के मजबूत संबंधताइवान तेजी से बढ़ता हुआ लोकतंत्र है और कई दशकों से यहां पर अपनी एक सरकार है। ताइवान की अपनी एक सेना है और साथ ही एक आजादी न्यायपालिका भी है। साथ ही यह पूरी तरह से काम करने वाले देश के लिए जरूरी सभी साजो-सामान हैं। लेकिन सिर्फ कुछ ही देश इसे संप्रभु देश का दर्जा देते हैं। अमेरिका ने औपचारिक तौर पर चीन को तो मान्यता दी है लेकिन यह ताइवान का भी बड़ा समर्थक है। इस देश के साथ भी अमेरिका के मजबूत रक्षा संबंध हैं। ताइवान को अमेरिकी सदन में समर्थनताइवान को अमेरिकी कांग्रेस में मजबूत द्विदलीय समर्थन प्राप्त है, और राष्ट्रपति साइ इंग वेन के नेतृत्व में यह अमेरिका के और करीब हो गया है। पिछले साल अगस्त में पूर्व अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थीं। इस यात्रा से चीन काफी भड़क गया था। दो दशकों में चीन जाने वाली वह पहली अमेरिकी नेता थीं। सोमवार को चीन के लॉस एंजिल्स स्थित दूतावास की तरफ से कहा गया था कि कैलिफोर्निया में मैकार्थी और ताइवानी राष्ट्रपति की मीटिंग ने 1.4 अरब चीनी नागारिकों की राष्ट्रीय भावना को बहुत तकलीफ पहुंचाई है। साथ ही इसने चीन और अमेरिका के राजनीतिक रिश्तों की नींव को कमजोर किया है।