हाइलाइट्सआर्थिक संकट और चीन के कर्ज से जूझ रहे श्रीलंका को मिला भारत का सहाराश्रीलंका को आर्थिक पैकेज देकर मदद करेगा भारत, अलग-अलग क्षेत्रों में निवेशपहले सात महीनों में 41.5 फीसदी उछलकर 2 अरब डॉलर हुआ श्रीलंका का तेल बिलकोलंबोभारत का पड़ोसी देश श्रीलंका फिलहाल आर्थिक संकटों और चीन के कर्ज का सामना कर रहा है। कुछ दिनों पहले श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने भारत की यात्रा की थी। खबर है कि भारत श्रीलंका की मदद के लिए ‘तत्काल आधार’ पर पैकेज तैयार कर रहा है। अधिकारियों ने इकोनॉमिक्स टाइम्स को बताया कि भारत श्रीलंका के लिए तत्काल आधार पर खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा पैकेज का विस्तार कर सकता है।रिपोर्ट के मुताबिक इसमें एनर्जी सिक्योरिटी पैकेज और करेंसी स्वैप के साथ-साथ भारतीय निवेश को भी बढ़ावा मिल सकता है। राजपक्षे की यात्रा के दौरान इस बात पर सहमति बनी थी कि इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आपसी सहमति के साथ प्रक्रियाओं को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा पैकेज में भारत से खाद्य, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात को कवर करने के लिए एक लाइन ऑफ क्रेडिट के विस्तार की परिकल्पना की गई है।श्रीलंका को भारी पड़ी चीन की यारी, पहले जहरीली खाद दी, अब केस कर दिखाई सीनाजोरीश्रीलंका के अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करेगा भारतवहीं एनर्जी पैकेज में भारत से ईंधन के आयात को कवर करने और त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्म के आधुनिकीकरण को कवर करने के लिए एक लाइन ऑफ क्रेडिट भी शामिल होगा। अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंका को अपने मौजूदा भुगतान संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए एक ‘करेंसी स्वैप’ की भी पेशकश की गई है। श्रीलंका में विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय निवेश को सुविधाजनक बनाने का भी निर्णय लिया गया है जो विकास और रोजगार के विस्तार में योगदान देगा।श्रीलंका पर चीन के कर्ज का बोझभारत की यात्रा के दौरान राजपक्षे ने श्रीलंका की आर्थिक स्थिति और कोविड के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए उनकी सरकार के दृष्टिकोण के बारे में भारतीय पक्ष को बताया था। इस साल जुलाई में पद संभालने के बाद से वित्त मंत्री राजपक्षे की यह पहली विदेश यात्रा थी। कोविड के बाद श्रीलंका आर्थिक संकट और चीन के बढ़ते कर्ज से जूझ रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल के पहले सात महीनों में श्रीलंका के तेल का बिल 41.5 फीसदी उछलकर 2 अरब डॉलर हो गया है। अपनी सुस्त अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अब उसने भारत से मदद मांगी है।