हाइलाइट्स:पेरू से कोरोना वायरस का एक और घातक वेरिएंट बड़ी तेजी से दुनिया में फैलना शुरू हुआ अब तक 27 देशों में इस वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं और यह संख्या बढ़ती जा रही इस कोरोना वेरिएंट में ‘असामान्य तरीके का’ म्यूटेशन है जिससे डब्ल्यूएचओ का ध्यान इस ओर गया लीमा/वॉशिंगटनलैटिन अमेरिकी देश पेरू से कोरोना वायरस का एक और घातक वेरिएंट लांब्डा बड़ी तेजी से दुनिया में फैलना शुरू हो गया है। अब तक 27 देशों में इस वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं। इस कोरोना वेरिएंट में ‘असामान्य तरीके का’ म्यूटेशन है जिससे विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान इस ओर गया है और दुनियाभर के वैज्ञानिकों की टेंशन बढ़ गई है। इस बीच अमेरिका ने कहा कि देश में कोरोना से हो रही मौतों में 99 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। ब्रितानी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना लांब्डा वेरिएंट में असामान्य म्यूटेशन देखा गया है। इस वेरिएंट को शुरू में C.37 नाम दिया गया था। ब्रिटेन में भी इस वेरिएंट के 6 मामले सामने आ चुके हैं। पेरू के मोलेक्यूलर बॉयोलॉजी के डॉक्टर पाबलो त्सूकयामा ने कहा कि दिसंबर महीने में जब इस वेरिएंट पर सबसे पहले डॉक्टरों का ध्यान गया था, उस समय यह 200 में से केवल एक नमूना होता था। जून महीने में 82 फीसदी कोरोना के नए मामले लांब्डा वेरिएंट केपाबलो ने कहा, ‘हालांकि मार्च महीने तक यह लीमा में आने वाले कुल नमूनों में से 50 फीसदी तक पहुंच गया और जून में यह कुल नमूनों का 80 फीसदी हो गया है। इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट की तुलना में इससे संक्रमण दर काफी ज्यादा है।’ अखबार ने डब्ल्यूएचओ के हवाले से कहा कि पेरू में मई और जून महीने में 82 फीसदी कोरोना के नए मामले लांब्डा वेरिएंट के हैं। यही नहीं इस वेरिएंट में मौत की दर सबसे ज्यादा है। पेरू में लांब्डा वेरिएंट के इस कहर से पड़ोसी चिली भी बचा नहीं है। वहां पर भी एक तिहाई मामले इसी वेरिएंट के हैं। हालांकि अभी कई विशेषज्ञ इस बात से सहमत नहीं है कि यह वेरिएंट अन्य की तुलना में ज्यादा आक्रामक है। उन्होंने कहा कि इस वेरिएंट के तेजी से प्रसार पर शोध किया जाना चाहिए। भारत में अभी लांब्डा वेरिएंट के प्रसार के कोई साक्ष्य नहीं हैं। भारत में अभी डेल्टा वेरिएंट सबसे प्रभावी कोरोना वेरिएंट है। अमेरिका में टीका नहीं लगवाने से 99 फीसदी मौतें: एंथनी फाउचीइस बीच दुनिया में अभी कोरोना वैक्सीन लगवाने से कई लोग परहेज कर रहे हैं। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने ऐलान किया है कि देश में कोरोना से मरने वाले 99.2 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है कि इनमें से ज्यादातर लोगों की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने कहा कि कई ऐसे अमेरिकी हैं जो वैक्सीन लगाने का वैचारिक स्तर पर विरोध कर रहे हैं।दुनिया में तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस का एक और वेरिएंट