बीजिंग : चीन ने 58 अरब डॉलर की रेलवे प्रणाली के साथ अपने अब तक के सबसे महंगे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का प्रस्ताव दिया है। यह रेलवे सिस्टम पाकिस्तान को पश्चिमी चीन से जोड़ेगा। एक रिपोर्ट में गुरुवार को इसकी जानकारी दी गई। चीन के इस प्रस्ताव का उद्देश्य पश्चिमी व्यापार पर निर्भरता को और कम करना है। यह परियोजना न सिर्फ व्यापार बल्कि भू-राजनीति को भी एक नया आकार दे सकती है। चीन इसकी लागत 58 अरब डॉलर का ज्यादातर खर्च उठाएगा क्योंकि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसमें इतना खर्च इसलिए आ रहा है क्योंकि यहां कुछ इलाके पहाड़ी और बहुत ऊबड़-खाबड़ हैं।साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार चीन की सरकारी कंपनी चाइना रेलवे फर्स्ट सर्वे एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड के विश्लेषकों ने 57.7 अरब डॉलर की इस योजना की समीक्षा की है। उनका कहना है कि भारी कीमत के बावजूद यह प्रोजेक्ट निवेश के योग्य है। प्रस्ताव के समीक्षा बोर्ड के अनुसार 2993 किमी की रेल प्रणाली पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में चीनी शहर काशगर से जोड़ेगी।India Bhutan: चीन के साथ बॉर्डर पर डील करने को बेकरार है भूटान, जानिए क्यों है भारत के लिए टेंशन वाली बातविश्लेषकों ने प्रोजेक्ट के लिए मांगा समर्थनचीनी विश्लेषकों की टीम ने इस महीने की शुरुआत में चीनी मैग्जीन रेलवे ट्रांसपोर्ट एंड इकोनॉमी में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। यह रिपोर्ट कहती है, ‘सरकार और वित्तीय संस्थानों को इस प्रोजेक्ट को मजबूत समर्थन प्रदान करना चाहिए।’ रिपोर्ट में रेलवे प्रोजेक्ट के लिए घरेलू विभागों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाने, फंड के प्रयासों को तेज करने और इसके निर्माण के लिए मजबूत नीति समर्थन और गारंटी प्रदान करने की बात कही गई है।China Taiwan America Drill: ताइवान को देख भी नहीं पाएगी अमेरिकी सेना, डुबो देंगे… चीन ने दी धमकीतुर्की और ईरान तक जा सकती है चीन की ट्रेनयह रेलवे सिस्टम चीन को अरब सागर से जोड़ेगा और उसके लिए और अधिक व्यापार मार्ग खोलेगा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह भविष्य में कई और रेलवे प्रणालियों को प्रोत्साहित कर सकता है जो चीन को तुर्की और ईरान से जोड़ सकता है। व्यापार मार्ग चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चीन को ‘वर्ल्ड सुपरपॉवर’ के रूप में मजबूत करना और व्यापार क्षेत्र में वैश्विक वर्चस्व कायम करना है।