कैनबराकई लोग समुद्री जीव ऑक्टोपस को खाना पसंद करते हैं। अक्सर वे इसे अच्छी तरह से पकाकर या ग्रिल करके प्लेट में खाते हैं। हालांकि कुछ लोग इसे जिंदा ही खाने के शौकीन होते हैं। भले ही ऑक्टोपस की विशालकाय भुजाओं से उनका गला चोक हो जाए और दम घुट जाए। ये लोग इस खतरनाक जीव को खाने के लिए रिस्क लेते हैं। ऑक्टोपस को अगर अच्छी तरह काटा और पकाया न जाए तो यह गले के नीचे जाकर बेहद नुकसान पहुंचा सकता है। इंसानों से ज्यादा समझदार ऑक्टोपसकई बार इसी तरह का रिस्क डॉल्फिन भी लेती हैं जब उन्हें खाने के रूप में ऑक्टोपस मिलता है। डॉल्फिन यह जोखिम इसलिए उठाती हैं क्योंकि वह इसे पकाकर नहीं खा सकतीं जबकि इंसान के साथ ऐसी कोई मजबूरी नहीं है। इसके बावजूद इंसान ऑक्टोपस को जिंदा खा रहे हैं और डॉल्फिन ने इसे मारकर खाना शुरू कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया में मर्डोक विश्वविद्यालय के केट स्प्रोगिस कहते हैं कि ऑक्टोपस एक खतरनाक भोजन है। सिर काटने पर भी ऑक्टोपस खतरनाक अगर डॉल्फिन ऑक्टोपस का सिर अलग भी कर दें तब भी वह अपनी खतरनाक भुजाओं से इसे नुकसान पहुंचा सकता है। स्प्रोगिस कहते हैं कि ऑक्टोपस के ‘चूसने वाले’ हाथों से बचना बेहद मुश्किल होता है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तट पर रहने वाली भूखी डॉल्फिन के एक समूह ने इसका उपाय खोज लिया है। डॉल्फिन अपने शिकार को तब तक हिलाती और उछालती हैं जब तक उसका सिर अलग न हो जाए और उसकी बाहें हिलना बंद न हो जाए। कई सालों तक चली रिसर्चMarine Mammal Science में स्प्रोगिस और उनके सहयोगियों ने इसकी जानकारी दी। डॉल्फिन द्वारा यह तकनीक इससे पहले कभी नहीं देखी गई थी। मार्च 2007 और अगस्त 2013 के बीच पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पानी में रहने वाली बॉटलनोज़ डॉल्फिन में यह समझदारी पहली बार देखी गई। शोधकर्ताओं ने ऐसी 33 घटनाएं देखीं जब डॉल्फिन ने एक ऑक्टोपस का शिकार दो तरीकों से किया। ऑक्टोपस के शिकार के दो तरीकेपहले तरीके में डॉल्फिन ने ऑक्टोपस को अपने मुंह में दबाया और उसे जोर-जोर से हिलाना शुरू किया जब तक ऑक्टोपस के टुकड़े-टुकड़े नहीं हो गए। दूसरे तरीके में डॉल्फिन ने ऑक्टोपस को बार-बार हवा में उछाला जब तक वह खाने लायक नहीं हो गया। कई बार डॉल्फिन ने इन तरीकों का इस्तेमाल करके शिकार किया और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सुनिश्चित होने के बाद ही ऑक्टोपस को खाया।