वॉशिंगटनअमेरिका की प्रतिष्ठित कार्नेगी कॉरपोरेशन ने स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले ही 34 प्रवासियों को सम्मानित किया है। इसमें भारतीय मूल के कमलेश लुल्ला और गीता गोपीनाथ भी शामिल हैं। इन दोनों शख्सियतों को यह सम्मान अपने योगदान और कार्यों से अमेरिकी समाज और लोकतंत्र को समृद्ध एवं मजबूत करने के लिए दिया गया है। गीता गोपीनाथ साल 2019 से आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट हैं, जबकि कमलेश लुल्ला पिछले 29 साल से नासा के प्रमुख वैज्ञानिक और ख्यातिप्राप्त लेखक हैं।नासा के लिए ‘ ह्यूमन ब्रेन’ खोजते हैं डॉ लुल्लाकमलेश लुल्ला वर्तमान में ह्यूस्टन के नासा जॉन स्पेस साइंस में यूनिवर्सिटी रिसर्च कॉलिबरेशन एंड पार्टनरशिप ऑफिस के डायरेक्टर हैं। डॉ लुल्ला अमेरिका के विश्वविद्यालयों से विद्वान छात्रों को नासा में काम करने के लिए लेकर आते हैं। ये छात्र अडवांस टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और इनोवेशन के क्षेत्र में नासा के साथ मिलकर काम करते हैं। उन्होंने अंतरिक्ष शटल और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रमों के लिए अर्थ ऑब्जरवेशन के क्षेत्र में मुख्य वैज्ञानिक के तौर पर काम किया है।नासा के अंतरिक्ष यात्रियों की दी है ट्रेनिंगडॉ लुल्ला ने नासा के अंतरिक्षयात्रियों को अर्थ ऑब्जरवेशन साइंस और फिजिकल साइंस पेलोड की ट्रेनिंग भी दी है। नासा में काम करते हुए इन्होंने 29 साल बिताए हैं। डॉ. लुल्ला के वैज्ञानिक अनुसंधान में ऑप्टिकल और रडार रिमोट सेंसिंग और उन्नत सेंसर विकास शामिल थे। इसके अलावा, डॉ लुल्ला ने अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम के लिए पेलोड के रूप में डिजिटल इमेजिंग सेंसर विकसित किए।नासा के दो-दो ब्रांच के रहे हैं चीफनासा में काम करते हुए डॉ कमलेश लुल्ला पांच साल फ्लाइट साइंस ब्रांच और पांच साल अर्थ साइंस ब्रांच के चीफ भी रहे हैं। डॉ लुल्ला ने दो-दो विषयों में पीएचडी की हुई है। उन्होंने पहली पीएचडी पर्यावरण विज्ञान और दूसरी भूविज्ञान रिमोट सेंसिंग में की है। उन्होंने नासा में शामिल होने से पहले बारह साल तक एक विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर के तौर पर भी काम किया है।डॉ लुल्ला ने लिखी हैं 8 से ज्यादा पुस्तकेंडॉ कमलेश लुल्ला ने लेखनी के क्षेत्र में भी काफी काम किया है। उन्होंने आठ पुस्तकों का सह-लेखन या संपादन किया है और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में बड़ी संख्या में शोध और तकनीकी पत्र लिखे हैं। हाल ही में डॉ लुल्ला ने “विंग्स इन ऑर्बिट: साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग लेगेसीज ऑफ द स्पेस शटल” नामक एक प्रमुख पुस्तक का सहलेखन किया है। इस किताब में उनके साथ नासा के तीन और वैज्ञानिकों ने भी लिखा है।