संयुक्त अरब अमीरात के दुबई एयर शो में भारत के लड़ाकू विमानों ने अपने शौर्य का खूबसूरत प्रदर्शन किया है। भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम ने पहली बार दुबई के आसमान में कई हवाई करतब भी दिखाएं हैं। इतना ही नहीं, भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एचएएल तेजस ने भी दुबई में पहली बार अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम में शामिल हॉक विमानों ने हवा में कई कलाबाजियां की। उन्होंने दुबई के प्रसिद्ध बुर्ज खलीफा, द पाम जुमेराह आर्टिफिशियल आईलैंड और बुर्ज अल अरब के ऊपर से भी उड़ान भरी। इस दौरान सूर्यकिरण टीम के साथ यूएई की अल फुर्सन डिस्प्ले टीम के विमान भी उड़ान भर रहे थे। इस एयर शो को अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आयोजित किया जा रहा है। दुबई एयर शो के उद्घाटन समारोह के दौरान इसमें हिस्सा लेने वाली सभी टीमों ने फ्लाई पॉस्ट किया। इसे दुनिया का सबसे बड़ा एयरशो बताया जा रहा है। दुबई एयर शो में 20 देशों के पेवेलियन का निर्माण किया गया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान कम से कम 160 कॉमर्शियल, मिलिट्री और प्राइवेट जहाजों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस शो में बोइंग का 777एक्स और बंबॉर्डियर का ग्लोबल 7500 एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं।भारतीय वायु सेना की एयरोबैटिक्स टीम है सूर्य किरणसूर्य किरण भारतीय वायुसेना की एक एयरोबैटिक्स टीम है। वायुसेना ने 1996 में सूर्य किरण एयरोबैटिक्स टीम (स्कैट) की स्थापना की थी। यह वायुसेना की 52वें स्कवाड्रन का हिस्सा है। यह टीम कई बार 9 विमानों वाले फॉर्मेशन का प्रदर्शन कर चुकी है। स्क्वाड्रन 2011 तक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) एचजेटी-16 किरण एकमे 2 सैन्य ट्रेनर विमान से बनाया गया था। इसकी स्कॉड्रन को कर्नाटक के बीदर वायुसेना स्टेशन पर तैनात किया गया है।पहली बार दुबई में उड़ी सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीमसूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम ने तो पहली बार इस एयर शो में हिस्सा लिया है। जबकि सारंग टीम ने 2005 में यूएई में अल ऐन ग्रांड प्रिक्स में हिस्सा लिया था। सारंग हेलिकॉप्टर डिस्प्ले टीम ने तो दुबई एयर शो के उद्घाटन के दिन ही हवाई करतब दिखाकर लोगों का मन मोह लिया था। यूएई में तेजस विमान की भारत के बाहर चौथी उड़ान थी। इससे पहले यह 2021 में श्रीलंका के एयर शो, 2016 में बहरीन इंटरनेशनल एयर शो और मलेशिया में लैंगकॉवी इंटरनेशनल मैरीटाइम एयरो एक्सपो (LIMA-2019) में हिस्सा ले चुका है। तेजस के इस प्रदर्शन को देखकर चीन और पाकिस्तान को साफ संदेश भी मिल गया होगा। पाकिस्तानी एक्सपर्ट अक्सर भारत के तेजस को जेएफ-17 से अव्वल होने का दावा करते रहे हैं।भारतीय वायुसेना की ताकत है तेजस लड़ाकू विमानदुबई एयर शो में भारत के एलसीए तेजस लड़ाकू विमान ने भी पहली बार हिस्सा लिया है। राफेल लड़ाकू विमानों के आने के बाद से, भारतीय एयरफोर्स साफ तौर पर पाकिस्‍तान एयरफोर्स से बेहतर स्थिति में है। तेजस लड़ाकू विमानों की नई खेप के शामिल होने के बाद IAF और PAF के बीच का अंतर और बढ़ जाएगा। तेजस मार्क1ए में अपने पिछले वर्जन के मुकाबले 43 इम्‍पूव्रमेंट्स हैं। एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, यह पाकिस्‍तान की पूरी फाइटर फ्लीट को धूल चटा सकता है। यही नहीं, तेजस MK1A चीन के अधिकतर लड़ाकू विमानों का भी सामना कर सकता है। तेजस की तुलना अक्‍सर चीन के जियाओलांग जेट से की जाती रही है। हालांकि तेजस कहीं ज्‍यादा ऐडवांस्‍ड है जबकि जियाओलांग थर्ड जेनरेशन का फाइटर एयरक्राफ्ट है।तेजस को भारत ने स्वदेशी तौर पर विकसित किया हैएचएएल तेजस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर के सहयोग से एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी की ओर विकसित सिंगल इंजन मल्टीरोल लाइट फाइटर जेट है। इस साल की शुरुआत में एचएएल ने भारतीय वायु सेना को 73 नए तेजस मार्क 1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट जेट और 10 तेजस मार्क 1 दो-सीट प्रशिक्षण जेट बनाने के लिए 6.58 बिलियन डॉलर की डील साइन की थी।चीन-पाक के JF-17 से काफी ताकतवर है तेजसभारतीय वायु सेना के लिए तेजस लड़ाकू विमान बेहद अहम हैं। चीन और पाकिस्‍तान की दोहरी चुनौती का सामना करने तेजस बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। तेजस के मुकाबले में पाकिस्‍तान अपने JF-17 का दम भरता है। जहां तेजस पूरी तरह स्‍वदेशी जेट हैं वहीं JF-17 को पाकिस्‍तान ने चीन के साथ मिलकर बनाया है। तेजस न सिर्फ तेज और हल्‍का है, बल्कि इसमें JF-17 के मुकाबले ताकतवर इंजन भी लगा है। इसकी पेलोड क्षमता भी JF-17 से ज्‍यादा है। तेजस को नेवी की जरूरत के हिसाब से मॉडिफाई किया जा चुका है जबकि JF-17 के पास ऐसी क्षमता नहीं है।