earth like planet, मिल गई दूसरी पृथ्वी! वैज्ञानिकों ने ढूंढा इंसानों के रहने लायक नया ग्रह, जानें क्या है यह वुल्फ 1069 बी – astronomy news earth-sized planet found in habitable zone of star that could one day host humans

वॉशिंगटन: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हमसे महज 31 प्रकाश वर्ष दूर एक पृथ्वी के आकार का ग्रह खोजा है। यह ग्रह अपने तापमान और वातावरण के कारण मानवों के रहने लायक हो सकता है। इस एक्सोप्लैनेट्स का नाम वुल्फ 1069 बी है। वुल्फ 1069 बी हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रहों में से केवल एक मुट्ठी भर एक्सोप्लैनेट्स में से एक है, जो कि एक तारे के रहने योग्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यह एक तारे के आसपास का ऐसा क्षेत्र होता है, जहां का तापमान ऐसा होता है कि वहां जीवन पनप सके। इस खोज को मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया है।लाल बौने तारे की परिक्रमा कर रहा यह ग्रहनया खोजा गया ग्रह वुल्फ 1069 बी एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। सिग्नस तारामंडल में स्थित यह ग्रह पृथ्वी से करीब 31 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस ग्रह का वातावरण इंसानों के रहने लायक है। इस ग्रह पर उन केमिकल्स की खोज की जा रही है, जो जीवन के संकेत को और साफ तरीके से दे सकते हैं। वुल्फ 1069 बी में अध्ययन के प्रमुख लेखक डायना कोसाकोव्स्की ने कहा कि जब हमने स्टार वुल्फ 1069 के डेटा का विश्लेषण किया, तो हमने एक स्पष्ट, संकेत की खोज की, जो मोटे तौर पर पृथ्वी द्रव्यमान का ग्रह प्रतीत होता है।पृथ्वी के द्रव्यमान के बराबर का छठवां ग्रहउसने कहा कि यह ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के पंद्रहवें हिस्से की दूरी पर हर 15.6 दिनों में अपने तारे की परिक्रमा करता है। यह ग्रह पृथ्वी के द्रव्यमान का छठा निकटतम ग्रह है जो किसी तारे के रहने योग्य क्षेत्र में मौजूद है। वुल्फ 1069 बी के अस्तित्व की पुष्टि 50 खगोलविदों की एक टीम ने की थी। इसकी खोज स्पेन में कैलार अल्टो वेधशाला में एक टेलीस्कोप के जरिए कारमेनस सर्वे के दौरान की गई थी। कार्मेनस सर्वेक्षण एक ऐसी परियोजना है जिसका उद्देश्य पृथ्वी जैसे ग्रहों की तलाश के लिए 300 बौने सितारों को स्कैन करना है।धरती के जैसे 20 एक्सोप्लैनेट्स की खोजइस सर्वेक्षण में लगभग 20 एक्सोप्लैनेट्स की खोज की गई है, जिनमें से कुछ वैज्ञानिकों के खोजे गए सबसे रहने योग्य ग्रह माने जाते हैं। 1990 के दशक से अब तक लगभग 5000 एक्सोप्लैनेट्स की खोज की जा चुकी है, जिनमें से केवल एक दर्जन को रहने योग्य माना जाता है। खगोलविदों का अध्ययन पिछले साल के अंत में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिकल जर्नल नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।अगर आप दुनिया और साइंस से जुड़ी ताजा और गुणवत्तापूर्ण खबरें अपने वाट्सऐप पर पढ़ना चाहते हैं तो कृपया यहां क्लिक करें।