हाइलाइट्स:अजरबैजान के तट पर समुद्र में तेल और गैस फील्‍ड में भीषण धमाका हुआ हैयह धमाका इतना जोरदार था कि आकाश में आग की विशाल लपटें देखी गईंऐसी आशंका जताई जा रही है कि तेल रिग या टैंकर इस धमाके में बर्बाद हुआ बाकूअजरबैजान के तट पर समुद्र में तेल और गैस फील्‍ड में भीषण धमाका हुआ है। यह धमाका इतना जोरदार था कि आकाश में आग की विशाल लपटें देखी गईं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि तेल रिग या टैंकर इस धमाके में बर्बाद हो गया है। बताया जा रहा है कि यह धमाका उमीद गैस फील्‍ड में हुआ जो कैस्पियन सागर में स्थित है। इस घटना के वायरल वीडियो में हवा में आग का गोला नजर आ रहा है। अभी तक अजरबैजान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि विस्‍फोट किन वजहों से हुआ या कोई इसमें हताहत हुआ है या नहीं। अजरबैजान की सरकारी तेल कंपनी ने इस विस्‍फोट के मड वल्केनो या पंक ज्‍वालामुखी को जिम्‍मेदार बताया था लेकिन बाद में उसने अपने बयान को डिलीट कर दिया है। कंपनी के प्रतिनिधि इब्राहिम अहमदोव ने कहा कि उनके नियंत्रण वाले इलाके में कोई दुर्घटना नहीं हुई है। देखें वीडियो:जानें क्‍या होते हैं पंक ज्‍वालामुखीइब्राहिम ने कहा कि कंपनी का काम सामान्‍य रूप से चल रहा है। उधर, रूसी न्‍यूज वेबसाइट गजेटा ने कहा कि कैस्पियन सागर में अजरबैजान के इलाके वाले समुद्र में शक्तिशाली विस्‍फोट हुआ है। स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक यह धमाका कथित रूप से उमीद गैस फील्‍ड में हुआ है। मड वल्केनो के ऑस्‍ट्रेलियाई विशेषज्ञ मार्क तिनगाय कहते हैं कि यह धमाका निश्चित रूप से मड वल्‍केनो की वजह से हुआ है। उन्‍होंने कहा कि इस इलाके में वर्ष 1958 में भी धमाका हो चुका है। मार्क ने कहा कि अजरबैजान में हजारों की तादाद में मड वल्‍केनो पाए जाते हैं और अक्‍सर इनमें विस्‍फोट होते रहते हैं। पंक ज्‍वालामुखी आग और लावा की जगह कीचड़नुमा गाद उगलते हैं। इनसे कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी निकलती हैं। ये भारत में सिर्फ अंडमान में पाये जाते हैं। ग्रेट अंडमान समूह के बाराटांग नामक द्वीप में ये मड वल्केनो मिलते हैं। मड वल्केनो से सर्वाधिक निकलने वाली गैस मीथेन (86 प्रतिशत) होती है। मीथेन की ज्वलनशीलता के कारण इनमें कभी-कभी विस्फोट की घटनाएँ भी सामने आती हैं।