इस्लामाबादभारत और दुबई के बीच एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसे कश्मीर के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि दुबई जम्मू-कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में निवेश करेगा। इस समझौते से पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के सभी मंसूबे नाकाम होते जा रहे हैं। अब इस तरह की आवाजें मुल्क के भीतर से भी उठने लगी हैं। पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल बासित का कहना है कि कश्मीर मुद्दा अब पाकिस्तान के हाथ से निकलता जा रहा है। अब्दुल बासित ने कहा कि पाकिस्तान अंधेरे में हाथ-पांव मार रहा है लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की कोई रणनीति नहीं है। इमरान सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर को लेकर मौजूदा की सरकार का रवैया सारी जिंदगी उन्हें भारी पड़ेगा और इसमें पुरानी सरकारों का भी योगदान है।इमरान खान का ‘नया पाकिस्तान’ आर्थिक तबाही की ओर, इतिहास में सबसे खराब स्थितिभारत के साथ खड़े हैं मुस्लिम देशबासित ने कहा कि कश्मीर को समाधान निकाला जा सकता है लेकिन सिर्फ इच्छाशक्ति की कमी है। हालात ये हैं कि मुस्लिम देश भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। आने वाले दिनों अगर यूएई, ईरान और दूसरे इस्लामिक देश भी भारत में निवेश करते हैं तो कोई बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कोई रणनीति नहीं है। समझ ही नहीं आ रहा कि हम क्या चाहते हैं। अफगानिस्तान में कामयाब होते-होते पाकिस्तान खुद प्रेशर में आ गया। कश्मीर पर पाकिस्तान को कई झटकेबीते दिनों पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर एक के बाद एक लगातार मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान मुस्लिम देशों को कश्मीर मुद्दे पर अपनी तरफ करना चाहता है जबकि कई देश इसे भारत-पाकिस्तान का आपसी मामला बताकर किनारा कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र में भी ईरान और संयुक्त अरब ने पाकिस्तान को निराश किया था। भारत और दुबई के नए समझौते पर पाकिस्तानी सरकार की ओर फिलहाल कोई बयान नहीं आया है लेकिन पूर्व राजदूत के बयान से निराशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।