इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ घंटों पहले कुछ ऐसा हुआ है जिसने राजनयिक स्तर पर रिश्तों को लेकर एक नई उम्मीद जगाई है। उत्तर प्रदेश की रहने वाली उत्तर प्रदेश की रहने वाली गीतिका श्रीवास्तव को पाकिस्तान में भारतीय दूतावास का प्रभारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने डॉक्टर सुरेश कुमार की जगह ली है। वह पहली महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्हें भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस प्रतिष्ठित भूमिका के लिए चुना गया है। गीतिका की नियुक्ति तब हुई है जब पाकिस्तान ने भारत में नए प्रभारी के तौर पर साद वारियाच को जिम्मेदारी है। साद, पाकिस्तान उच्चायोग में ऐजाज खान की जगह लेंगे।क्या नियुक्ति से बदलेंगे रिश्तेविशेषज्ञों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के इतिहास में महिलाओं ने कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समय के साथ, राजनयिक प्रयासों और वार्ताओं में महिलाओं को शामिल करने के महत्व की मान्यता बढ़ रही है। साथ ही कई टीमों के बीच एक प्रतिष्ठित भूमिका के लिए गीतिका की नियुक्ति दोनों पक्षों के बीच जटिल संबंधों को संबोधित करने में अधिक प्रभावी हो सकती है। गीतिका ऐसे समय में पाकिस्तान जाएंगी जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। गीतिका, भारत के शीर्ष महिला राजनयिक क्लब में एक और सदस्य हैं। उनकी नियुक्ति से पहले पाकिस्तान में ब्रिटेन की पहली महिला उच्चायुक्त ने भी कार्यभार संभाला है।अच्छा-खासा करियरगीतिका ने बतौर राजनयिक अपना करियर करीब 20 साल पहले शुरू किया था। साल 2005 में वह फर्स्ट सेक्रेटरी (मीडिया, संस्कृति और वीजा) के तौर पर चीन में तैनात हुई थीं। चीनी भाषा मंदारिन पर उनका अच्छा खासा कमांड है। वह विदेश कार्यालय में इंडो-पैसिफिक डिवीजन की प्रभारी संयुक्त सचिव भी रह चुकी हैं। विदेश मंत्रालय का इंडो-पैसिफिक डिवीजन आसियान, आईओआरए, एफआईपीआईसी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अन्य संस्थाओं के साथ भारत की बहुपक्षीय कूटनीति की देखभाल करता है।रह चुकी हैं पासपोर्ट अधिकारी भीमूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली गीतिका, कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी और विदेश मंत्रालय के आईओआर डिवीजन में निदेशक के रूप में भी काम कर चुकी हैं। साल 2019 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तान में कोई भी पूर्णकालिक उच्चायुक्त नहीं है। पांच अगस्त 2019 को जब भारत ने जम्मू कश्मीर को मिला विशेष दर्जा रद्द किया था तो पाकिस्तान ने इसे भारत सरकार का अवैध कदम करार दिया था। साथ ही राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला किया है।