अंतरिक्ष से ब्रह्मांड पर नजर रख रहे Hubble Space Telescope से 10 गुना शक्तिशाली टेलिस्कोप चिली के ऐटाकामा रेगिस्तान में बनाया जा रहा है। यह Giant Magellan Telescope दूर स्थित ग्रहों की तस्वीरें लगा और वहां जीवन के निशान खोजेगा। यही नहीं, यह नई गैलेक्सीज के mass (द्रव्यमान) का पता भी लगाएगा और इनकी बनावट के राज भी खोलेगा। यह सितारों के पैदा होने से लेकर मरने तक की कड़ियां भी जोड़ेगा। यह शक्तिशाली टेलिस्कोप एक हिस्सा होगा विशाल टेलिस्कोप्स की नई पीढ़ी का जो बनेंगी अंतरिक्ष में इंसानों की आंख। (सभी तस्वीरें: Giant Magellan Telescope वेबसाइट)शीशे बनाने में लगे चार साल7 हजार पाउंड के इस टेलिस्कोप में इसमें 13 तल होंगे। सबसे खास बात यह है कि इसमें फूल के आकार में 7 महाविशाल शीशे लगाए गए हैं जो टेलिस्कोप के लिए रोशनी जुटाने का मुख्य स्रोत होगा। 28 फीट के इन शीशों को बनाने में चार साल लगे हैं। इन प्राइमरी शीशों के अलावा GMT में छोटे सेकंडरी शीशे भी लगे हैं जो अपना आकार एक सेकंड में 1000 बार बदल सकते हैं। ऐसा इसलिए है ताकि सितारों से आने वाली रोशनी जब वायुमंडल के असर से टकराए तो उसके असर को ये शीशे कम कर सकें और ज्यादा सटीक तस्वीर हमें मिल सके।हमेशा के लिए बदलेगी ऐस्ट्रोनॉमीGMT के लिए लीड प्रॉजेक्ट साइंटिस्ट रिबेका बर्नस्टीन के मुताबिक इस टेलिस्कोप के साथ रेजॉलूशन और सेंसिटिविटी की लंबी छलांग लगाई गई है जो ऐस्ट्रोनॉमी के सभी क्षेत्रों की समझ को हमेशा के लिए बदल सकता है। सितारों, ग्रहों, ब्लैक होल और गैलेक्सी जैसे दिखाई देने वाले ऑब्जेक्ट्स के जन्म और विकास से लेकर डार्क एनर्जी और डार्क मैटर जैसी न दिखने वाली चीजों की प्रकृति तक, सब समझा जा सकेगा।2030 तक तैयार होंगेयह अतिमहत्वाकांक्षी टेलिस्कोप ऐटाकामा में लास कंपानास ऑब्जर्वेटरी साइट पर बन रहा है। दशक के अंत तक सभी प्राइमरी शीशों को चिली पहुंचाने का प्लान है जहां उन पर रिफ्लेक्टिव ऐल्युमीनियम की एक बेहद पतली परत लगाई जाएगी। सभी सात शीशे 2030 के दशक की शुरुआत में तैयार हो सकते हैं।