काबुलपाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी विवाद फिर एक बार तुल पकड़ता दिखाई दे रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हमदुल्लाह मोहिब ने फिर एक बार फिर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को लेकर ऐसा ट्वीट किया है है, जिसपर इस्लामाबाद ने कड़ी नाराजगी जताई है। कुछ दिन पहले ही अफगान एनएसए ने पाकिस्तान को चकलाघर कहा था। जिसपर बौखलाते हुए कुरैशी ने कहा था कि जब से तुम्हारी तकरीर सुनी है, तब से मेरा खून खौल रहा है। कुरैशी ने यह भी दावा किया था कि मैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हैसियत से कह रहा हूं कि कोई पाकिस्तानी न तुम से हाथ मिलाएगा और न ही तुम से बात करेगा।कैसे शुरू हुआ कुरैशी-मोहिब विवाददरअसल, एक दिन पहले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज को एक इंटरव्यू दिया था। इस दौरान कुरैशी ने अफगानिस्तान में जारी हिंसा के लिए तालिबान को क्लीनचिट दी थी। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान में हिंसा के लिए केवल तालिबान ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि वो लोग भी उतने ही जिम्मेदार हैं जो युद्ध से पीड़ित अफगानिस्तान में शांति नहीं लाना चाहते हैं। जाहिर सी बात उनका निशाना अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार पर था।UN को चिट्ठी लिख कश्मीर-कश्मीर चिल्लाए पाक विदेश मंत्री, भारत पर लगाया घाटी में हिंदुओं को बसाने का आरोपकुरैशी को उनके ही देश के नेता ने घेराटोलो न्यूज के इस वीडियो को इमरान खान के गृह राज्य खैबर पख्तूनख्वा के अवामी नेशनल पार्टी के पश्तून नेता अफरासियाब खट्टक ने रिट्वीट किया था। उन्होंने तंज कसते लिखा कि तालिबान के पास पहले से ही एक विदेश मंत्री है, तो उसे दूसरे की जरूरत क्यों होगी? अफगानिस्तान में पाकिस्तान की तटस्थता कभी भी विश्वसनीयता नहीं रही है और इस इंटरव्यू ने उस नकाब को भी निकाल फेंका है। अफगान संघर्ष को पूरी तरह से आंतरिक राह पर है, क्या पाक को यकीन है कि वह जो बोया रहा है वही काट रहा है?उसी नेता के ट्वीट पर अफगान एनएसए ने दी थी प्रतिक्रियाअफगान एनएसए हमदुल्लाह मोहिब ने पाकिस्तानी नेता अफरासियाब खट्टक के इसी ट्वीट को अपने हैंडल से रिट्वीट किया। इसी ट्वीट को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तल्खी काफी बढ़ गई। हमदुल्लाह मोहिब ने कुरैशी के इंटरव्यू वाले बयान पर निशाना साधते हुए लिखा कि यह तब आता है जब तालिबान ने देश भर में अफगान लोगों के खिलाफ हिंसक हमले जारी रखे हुए है। हम जानते हैं कि वे (तालिबान) ऐसा करने के लिए कैसे और क्यों सक्षम होते हैं। कुरैशी या तो बेखबर हैं, अज्ञानी हैं या सहयोगी हैं। हो सकता है कि वह इस बात को भी खारिज कर दें कि ओसामा पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय के बगल में पाया गया था।पाक विदेश मंत्री का नया दुष्प्रचार: तालिबान को बताया ‘शांतिदूत’, भारत पर लगाया आतंक फैलाने का आरोपअफगान एनएसए के बयान पर फिर भड़का पाकइसी बयान को लेकर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि हम अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के उनके अंदरूनी मामलों में पाकिस्तान के दखल देने के बिना सबूत वाले आरोपों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। इस बयान में यह भी कहा गया है कि पूरी दुनिया ने अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकार किया है। अफगान एनएसए का लगातार अशिष्ट और अनुचित बयान चिंता का विषय है क्योंकि ये उनके कार्यालय के जरिए लगातार शांति प्रक्रिया को नाकाम करने की कोशिशें हैं।