इस्लामाबादपाकिस्तान से आ रहीं हवाओं ने भारत के कई राज्यों तपाकर रख दिया है लेकिन खुद पाकिस्तान में हालत और भी ज्यादा खराब है। दुनिया में सबसे गर्म जगह बन गए पाकिस्तान में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक जाने की आशंका है। इस हीटवेव का सबसे बड़ा शिकार पाकिस्तान के सिंध प्रांत का जकोबाबाद बना है। एक्सपर्ट्स ने टेलिग्राफ अखबार को बताया है कि यहां तापमान इतना ज्यादा है जिसे इंसानी शरीर झेल ही नहीं सकता।बिजली ने किया बेहालगर्मी के थपेड़ों ने सड़कों और गलियों को सुनसान कर दिया है। लोग घरों में कैद हैं लेकिन वहां भी जमीन तप रही है। कुछ ही लोगों को एसी का सहारा है लेकिन बार-बार बिजली जाने से वे भी परेशान हैं। टेलिग्राफ की रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्मी और नमी के कारण जकोबाबाद दुनिया की सबसे गर्म दो जगहों में से एक हो गया है।Delhi Heat Wave : जुलाई में सामान्य मॉनसूनी बारिश का अनुमान, लेकिन दिल्ली समेत उत्तर भारत में 2 दिन और सताएगी लूकिसी तरह मिले राहतइसके अलावा दुबई के रस अल खैमा में भी तापमान बेहद ज्यादा है। हालांकि, वहां बिजली की ज्यादा दिक्कत नहीं है, इसलिए हालात भी इतने खराब नहीं हैं। वहीं, जकोबाबाद में लोग बर्फ और पंखों के सहारे हैं। कई जगह लोग तालाबों में छलांग लगाकर राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पानी भी गर्म होता जा रहा है। यहां हमेशा तापमान झुलसाने वाला होता है और इन महीनों में बड़ी संख्या में लोगों की जान हीट स्ट्रोक और गर्मी के कारण दूसरी वजहों से जाती हैं। क्यों पड़ती है इतनी गर्मी?ब्रिटेन की लोबरो यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट साइंस के लेक्चरर टॉम मैथ्यूज के मुताबिक सिंधुघाटी सबसे ज्यादा गर्मी का केंद्र रहती है। जकोबाबाद ट्रॉपिक ऑफ कैंसर पर पड़ता है जिसके कारण इसे सूरज की सीधी गर्मी झेलनी पड़ती है। अरब सागर की आद्र हवाओं के साथ मिलकर तापमान और ज्यादा खतरनाक तरीके से बढ़ जाता है। Global Warming Impact: बर्फीले साइबेरिया को 48°C पर हीटवेव ने उबाला! मॉस्को में टूटा 120 साल का रेकॉर्डजलवायु परिवर्तन का असर?जकोबाबाद भले ही अपनी भूगोलिक स्थित के कारण गर्मी में झुलसने को मजबूर हो, दुनिया में कई जगहों पर तेजी से बढ़ते तापमान ने जलवायु परिवर्तन की ओर ध्यान खींचा है। बर्फीले आर्कटिक क्षेत्र में दुनिया के सबसे ठंडे साइबेरिया तक में हीटवेव झेली जा रही है। यहां 80 साल का रेकॉर्ड टूट गया जब वर्खोयांस्क में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मॉस्को में भी 120 साल का रेकॉर्ड टूट गया। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण बर्फ पिघलने से मीथेन रिलीज होती है जिससे तापमान और बढ़ता है।-180°C तापमान, फिर भी NASA को उम्मीद- इस चांद पर है जीवनपाकिस्तान में दुनिया का सबसे गर्म शहर